बाबा के दर्शन से पहले करें काशी के कोतवाल के दर्शन, तभी यात्रा होगी पूरी

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Kashi Ke Kotwal Kaal Bhairav: काल भैरव, भगवान शिव के एक उग्र रूप हैं जिन्हें काशी का रक्षक माना जाता है. काशी में बिना काल भैरव की अनुमति के कोई साधक, तीर्थयात्री या यहां तक कि देवता भी स्थायी रूप से नहीं रह सकते, ऐसा धार्मिक विश्वास है. अगर आप बाबा विश्वनाथ के दर्शन करना चाहते हैं तो सबसे पहले आपको काल भैरव मंदिर में जाकर हाजिरी लगवानी पड़ती है, तभी आपको बाबा विश्वनाथ के दर्शन करने की अनुमति मिलती है.