भारत माता धार्मिक प्रतीक कैसे, इससे कानून-व्यवस्था को क्या खतरा? केरल हाई कोर्ट ने यूनिवर्सिटी के सस्पेंडेड रजिस्ट्रार से पूछा

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Kerala High Court: केरल हाई कोर्ट ने भारत माता को धार्मिक प्रतीक बताने पर कड़ी फटकार लगाई है. हाई कोर्ट ने शुक्रवाार (4 जुलाई, 2025) को केरल यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार से पूछा कि भारत माता कैसे एक धार्मिक प्रतीक हो सकती हैं और उनका चित्र लगाने से कानून व्यवस्था की समस्या कैसे पैदा हो सकती है? रजिस्ट्रार को हाल में निलंबित कर दिया गया था.जस्टिस एन नागरेश ने रजिस्ट्रार के.एस अनिल कुमार से निलंबन को चुनौती देने वाली उनकी याचिका की सुनवाई के दौरान ये प्रश्न पूछे. केरल विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. मोहनन कुन्नुमल ने 2 जुलाई को एक निजी कार्यक्रम रद्द करने का नोटिस जारी करने के आरोप में अनिल कुमार को निलंबित कर दिया था. भारत माता धार्मिक प्रतीक कैसे है?- HCइस कार्यक्रम में राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने सीनेट हॉल में भाग लिया था, जहां भगवा ध्वज लिए भारत माता का चित्र प्रदर्शित किया गया था. रजिस्ट्रार अनिल कुमार के निलंबन पर रोक लगाने की अंतरिम याचिका को खारिज करते हुए अदालत ने याचिकाकर्ता से पूछा कि भारत माता कैसे धार्मिक प्रतीक है? इसे प्रदर्शित करने से केरल में कानून व्यवस्था की कौन सी समस्या उत्पन्न होने वाली थी?याचिकाकर्ता ने हाई कोर्ट को बताया कि चित्र के प्रदर्शन को लेकर माकपा और बीजेपी की छात्र शाखाओं, स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के बीच झड़प हुई थी.'क्या राज्यपाल के आने पर भी इस तरह से काम किया जाना चाहिए था ?'अनिल कुमार ने कहा कि विश्वविद्यालय के सुरक्षा अधिकारी ने उन्हें बताया कि सीनेट हॉल में एक धार्मिक प्रतीक प्रदर्शित किया गया था और ऐसी स्थिति में कार्यक्रम रद्द किया जा सकता है. साथ ही दावा किया कि कुलपति केवल आपातकालीन स्थितियों में ही रजिस्ट्रार को निलंबित कर सकते हैं.हाई कोर्ट ने कहा कि वीसी तब आदेश पारित कर सकते हैं जब सिंडिकेट सत्र में न हो और सीनेट को निलंबन आदेश को मंजूरी देनी होगी. साथ ही ये भी पूछा कि क्या राज्यपाल के कार्यक्रम में आने पर भी इस तरह से काम किया जाना चाहिए था?ये भी पढ़ें: PAK पर कब्जा कर लेगा ड्रैगन? डिफेंस एक्सपर्ट बोले- 'पाकिस्तान को अपने प्रांतों में से एक मानता है चीन'