PAK पर कब्जा कर लेगा ड्रैगन? डिफेंस एक्सपर्ट बोले- 'पाकिस्तान को अपने प्रांतों में से एक मानता है चीन'

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भारतीय सेना के डिप्टी चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ लेफ्टिनेंट जनरल राहुल आर. सिंह ने शुक्रवार (04 जुलाई, 2025) को एक कार्यक्रम में कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान को हमारे वेक्टर्स की लाइव अपडेट्स चीन दे रहा था और तुर्की पाकिस्तान को ड्रोन मुहैया करा रहा था. सेना के इस बयान पर ANI से बातचीत में में रक्षा विशेषज्ञ और रिटायर्ड कैप्टन अनिल गौर ने कहा, 'पाकिस्तान के पास ना तो पैसा है और ना ही हथियार बनाने के लिए उसके पास संसाधन है. पाकिस्तान हमेशा से ही अमेरिका और चीन से हथियार खरीदता आया है.'इसलिए चीन और तुर्की कर रहे पाकिस्तान की मददकैप्टन अनिल ने कहा, 'अमेरिकी हथियारों का उपयोग करने के लिए पाकिस्तान को पहले अमेरिका से मदद मांगनी पड़ती है. वहीं चीन, पाकिस्तान की मदद अपने फायदे के लिए करता है. पाकिस्तान एक भिखारी देश है और चीन इसे अपने प्रांतों में से एक मानता है.कैप्टन अनिल ने कहा कि अगर तुर्की की बात की जाए तो यहां के राष्ट्रपति रजब तैयब इरदुगान खुद को खलीफा मानते हैं और वह अपने प्राचीन साम्राज्य को फिर से खड़ा करना चाहते हैं. इसलिए तुर्की भी पाकिस्तान की लगातार मदद कर रहा है. भारत इस बात को अच्छे से समझता है, इसलिए लगातार जवाबी कार्रवाई कर रहा है. भारत की नीतियां जल्द ही इन चीजों को खत्म कर देंगी.'चीन, पाकिस्तान से करा रहा अपने हथियारों का परीक्षणवहीं लेफ्टिनेंट जनरल के इस बयान को लेकर ANI से बातचीत में पूर्व मेजर जनरल डॉ. जीडी बख्शी ने कहा, 'यह बहुत नपा-तुला बयान है. पाकिस्तान, भारत के आबादी वाले जगहों को छू भी नहीं सकता और भारत उनके शहरों के बीच नौ आतंकी शिविरों को खत्म करने में सक्षम था. चीन अपने हथियारों का परीक्षण एडवांस हथियारों के खिलाफ मुफ्त में पाकिस्तान की मदद से करा रहा है. इसलिए भारत को आगे की लिए तैयार रहना होगा.'पूर्व मेजर जनरल जीडी बख्शी ने आगे कहा, 'भारत ने युद्ध की स्थिति को बड़ी समझदारी से संभाला और युद्ध को लंबा खींचने के बजाय सीजफायर करा लिया. भारत को एक या दो दिन युद्ध को और खींचना चाहिए था, ताकि पाकिस्तान के और ठिकानों का खात्मा हो. अगर हमने बचे हुए सभी आतंकी ठिकानों को नष्ट कर दिया होता तो यह बुरा नहीं होता.'