छत्तीसगढ़ में धान की फसल से पहले इसे लेकर किसानों के सामने बड़ी समस्या खड़ी हो गई है। किसानों को डीएपी के विकल्प के रूप में एनपीके, एसएसपी और यूरिया का उपयोग करना पड़ रहा है। जिस कारण उनकी लागत में 55 प्रतिशत तक का इजाफा हो गया है। वहीं बाजारों में डीएपी अधिक कीमत पर मिलने से किसान कालाबाजारी का आरोप लगा रहे हैं।