BR Patil Audio: कर्नाटक की सत्तारूढ़ कांग्रेस सरकार एक बार फिर भ्रष्टाचार के आरोपों और आंतरिक असंतोष के घेरे में आ गई है. वरिष्ठ कांग्रेस विधायक और कर्नाटक योजना आयोग के उपाध्यक्ष बीआर पाटिल ने उस वायरल ऑडियो क्लिप को लेकर बड़ा बयान दिया है, जिसमें वे आवास मंत्री ज़मीर अहमद खान के निजी सचिव सरफराज खान से कथित तौर पर आवास योजनाओं में रिश्वत को लेकर बातचीत करते सुने जा रहे हैं. बीआर पाटिल ने न सिर्फ उस ऑडियो को अपना बताया है, बल्कि इस बात पर भी जोर दिया है कि वे अपने आरोपों पर अब भी कायम हैं.बीआर पाटिल के गंभीर आरोप और क्षेत्रीय उपेक्षाबीआर पाटिल ने कहा कि विभिन्न आवास योजनाओं के तहत मकान आवंटन में गड़बड़ियां हो रही हैं और भ्रष्टाचार में उच्च स्तर तक के लोग शामिल हैं. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि वे किसी दबाव में नहीं आएंगे और सच्चाई के साथ खड़े रहेंगे. आलंद विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस विधायक बीआर पाटिल ने कहा कि मेरे निर्वाचन क्षेत्र में मेरी अनुमति के बिना सरकारी कार्य शुरू किए जा रहे हैं. मेरे निर्वाचन क्षेत्र में शिष्टाचार का उल्लंघन हो रहा है. कलबुर्गी में बोलते हुए उन्होंने कहा कि मौलाना अब्दुल कलाम आज़ाद आवासीय विद्यालय परियोजना के लिए केकेआरडीबी से 17 करोड़ रुपये का अनुदान प्राप्त हुआ है. काम भी शुरू हो गया है. लेकिन मुझे कार्य फावड़ा पूजा के लिए आमंत्रित नहीं किया गया है.कांग्रेस के अंदर बढ़ता असंतोषइसी क्रम में कांग्रेस के ही एक अन्य विधायक राजू कागे ने भी अपनी नाराजगी सार्वजनिक रूप से ज़ाहिर की है. उन्होंने कहा मेरी स्थिति बीआर पाटिल जैसी ही है. मुख्यमंत्री ने मेरी विधानसभा के लिए ₹12 करोड़ सड़क निर्माण और ₹13 करोड़ सामुदायिक भवनों के लिए स्वीकृत किए थे, लेकिन दो साल बीतने के बावजूद एक भी वर्क ऑर्डर जारी नहीं हुआ है. यह प्रशासन की पूरी असफलता को दर्शाता है. उन्होंने आगे कहा कि वे इस हद तक आहत और निराश हैं कि आने वाले दो दिनों में वे मुख्यमंत्री को अपना इस्तीफा सौंप सकते हैं.बीजेपी का हमला और सियासी हलचलवहीं, बीजेपी ने इस मुद्दे को हाथों हाथ लेते हुए कांग्रेस सरकार पर तीखा हमला बोला है. पार्टी नेताओं का कहना है कि यह एक भ्रष्ट सरकार है जो ज्यादा दिन नहीं टिकेगी. दिन-ब-दिन इसका असली चेहरा सामने आ रहा है. मंत्रियों और विधायकों के बीच जो आरोप-प्रत्यारोप चल रहे हैं, वह इस बात का सबूत है कि सरकार के भीतर ही सब कुछ ठीक नहीं है. राजनीतिक गलियारों में इन घटनाक्रमों के बाद सियासी सरगर्मी तेज हो गई है. देखना होगा कि कांग्रेस हाईकमान इन बगावती सुरों और भ्रष्टाचार के आरोपों से कैसे निपटता है.