सोनागिर स्थित बीस पंथी कोठी में विराजित आचार्य सुबल सागर महाराज ने अपने हाथों से केश लोचन किया। यह प्रक्रिया करीब ढाई घंटे तक चली, जिसमें उन्होंने सिर, दाढ़ी, मूंछों और चेहरे के बालों को स्वयं अपने हाथों से उखाड़ा।