ईरान का ताबड़तोड़ मिसाइल हमला, इजरायल से निकाले गए 160 भारतीय

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Written by:Rakesh Ranjan KumarLast Updated:June 22, 2025, 22:50 ISTइम्पैक्ट शॉर्ट्ससबसे बड़ी खबरों तक पहुंचने का आपका शॉर्टकटजंग के बीच ईरान और इजरायल में काफी भारतीय फंसे हैं. (रॉयटर्स)यरुशलम. इजरायल और जॉर्डन स्थित भारत के दूतावासों ने इजराइली हवाई क्षेत्र बंद होने और वाणिज्यिक उड़ानें निलंबित होने के बावजूद संयुक्त कोशिश कर रविवार को ‘ऑपरेशन सिंधु’ के तहत 160 भारतीय नागरिकों के पहले जत्थे को बाहर निकाला. दूतावास के सूत्रों ने यह जानकारी दी. भारतीय मिशन ने इजरायल से लोगों के पहले जत्थे को निकाला क्योंकि यहां रहने वाले भारतीय नागरिक लगातार सायरन की आवाजों से जूझ रहे थे. इजरायल में भारतीय नागरिक ईरान से आने वाली मिसाइलों और ड्रोन से बचने के लिए अक्सर बंकरों और सुरक्षित कमरों में शरण ले रहे थे.दूतावास के सूत्र ने ‘पीटीआई’ को बताया, “पहले जत्थे में कुल 160 भारतीय जॉर्डन की सीमा पर पहुंच चुके हैं.” ईरान और इजरायल के बीच बढ़ते संघर्ष के मद्देनजर भारत ने वहां से भारतीयों को वापस लाने के लिए पिछले सप्ताह ऑपरेशन सिंधु शुरू किया था. सूत्र ने बताया कि स्थिति की गंभीरता को देखते हुए तेल अवीव स्थित भारतीय दूतावास ने पिछले सप्ताह निकासी प्रयासों के सभी पहलुओं पर निगरानी रखने के लिए 24 घंटे काम करने वाला नियंत्रण कक्ष स्थापित किया.उन्होंने बताया कि नियंत्रण कक्ष ने भारतीय नागरिकों को एक ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से पंजीकरण कराने का निर्देश दिया और पूरे इजरायल में भारतीय नागरिकों का एक विस्तृत डेटाबेस तैयार किया. सूत्र ने कहा, “मेडिकल इमरजेंसी स्थितियों, छोटे बच्चों, महिलाओं और छात्रों की उपस्थिति के आधार पर निकासी की प्राथमिकताएं निर्धारित की गईं. दूतावास के अधिकारियों ने लोगों से फोन और ईमेल के जरिये पंजीकरण कराने वालों से संपर्क किया और यात्रा और विशेष उड़ानों में उनके लिए निर्धारित सीट आदि की जानकारी दी.”उन्होंने बताया कि सरकार के उच्चतम स्तर पर जमीनी स्थिति पर बारीकी से नजर रखी जा रही है और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भारतीय नागरिकों की सुरक्षा के बारे में सक्रिय रूप से वास्तविक समय पर अपडेट जानकारी प्राप्त कर रहे हैं. भारतीय मिशन की ओर से जारी एक बयान में कहा गया, “यह अभियान विदेशों में अपने नागरिकों की सुरक्षा और कल्याण के प्रति भारत की अटूट प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है. ऑपरेशन सिंधु, अंतरराष्ट्रीय संकटों में विश्वसनीय ‘प्रथम प्रतिक्रियादाता’ के रूप में भारत के उभरने का एक और प्रमाण है.”सूत्र ने बताया कि पहले जत्थे में निकाले जाने वाले भारतीय नागरिक रविवार सुबह तेल अवीव और हाइफा में निर्धारित स्थानों पर एकत्र हुए और फिर उन्हें सड़क मार्ग से यहां से लगभग 120 किलोमीटर दूर इजराइल-जॉर्डन सीमा पर शेख हुसैन ब्रिज ले जाया गया. उन्होंने बताया कि इजरायल-जॉर्डन सीमा पर आव्रजन और सीमा संबंधी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद, समूह 120 किलोमीटर दूर अम्मान हवाई अड्डे के लिए रवाना हुआ.हिब्रू विश्वविद्यालय के शोधकर्ता अरविंद शुक्ला उन लोगों में शामिल हैं जिन्हें रविवार की सुबह इजरायल से निकाला गया. उन्होंने कहा “कठिन परिस्थितियों में दूतावास द्वारा सहज और सुनियोजित प्रक्रिया” की प्रशंसा की. शुक्ला ने पीटीआई को बताया, “मैंने वीजा प्रक्रिया पूरी कर ली है और जॉर्डन की तरफ जा चुका हूं. दूतावास ने हमारी यात्रा को सुविधाजनक बनाने में बहुत मदद की और हमारी अच्छी तरह से देखभाल की गई.”तेल अवीव स्थित भारतीय दूतावास ने कहा कि इजरायल और जॉर्डन की सरकारों ने भारतीय नागरिकों की सुरक्षित और व्यवस्थित आवाजाही सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण सहयोग किया. इसमें कहा गया है कि जॉर्डन स्थित भारतीय दूतावास ने इजरायल से निकाले गए लोगों की अगवानी की और अम्मान हवाई अड्डे तक उनकी आगे की यात्रा को सुविधाजनक बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. विदेश मंत्रालय ने भारतीय नागरिकों की सुरक्षित स्वदेश वापसी के लिए अम्मान से नई दिल्ली तक विशेष उड़ानों की व्यवस्था की है. आने वाले दिनों में मिस्र से भी कुछ उड़ानें संचालित करने की योजना है, क्योंकि इजरायल के दक्षिण में बड़ी संख्या में भारतीय रहते हैं.About the AuthorRakesh Ranjan Kumarराकेश रंजन कुमार को डिजिटल पत्रकारिता में 10 साल से अधिक का अनुभव है. न्यूज़18 के साथ जुड़ने से पहले उन्होंने लाइव हिन्दुस्तान, दैनिक जागरण, ज़ी न्यूज़, जनसत्ता और दैनिक भास्कर में काम किया है. वर्तमान में वह h...और पढ़ेंराकेश रंजन कुमार को डिजिटल पत्रकारिता में 10 साल से अधिक का अनुभव है. न्यूज़18 के साथ जुड़ने से पहले उन्होंने लाइव हिन्दुस्तान, दैनिक जागरण, ज़ी न्यूज़, जनसत्ता और दैनिक भास्कर में काम किया है. वर्तमान में वह h... और पढ़ेंhomeworldईरान का ताबड़तोड़ मिसाइल हमला, इजरायल से निकाले गए 160 भारतीयऔर पढ़ें