फाइटर जेट को उड़ाने के लिए पेट्रोल या डीजल की जगह केरोसीन यूज किया जाता है. हालांकि, यह आम केरोसीन जैसा नहीं होता, जैसा घरों में यूज किया जाता है. इसमें इस्तेमाल होने वाले केरोसीन को पहले अच्छी तरह से रिफाइन किया जाता है और फिर इससे जो फ्यूल निकलता है, उसे जेट में यूज किया जाता है. ऐसे में हमारे मन में सवाल आता है कि अगर फाइटर जेट केरोसीन से उड़ सकते हैं तो कार केरोसीन से क्यों नहीं चलती है? आपको विस्तार से इसका उत्तर देते हैं. केरोसीन से कार क्यों नहीं चलती है?कारों में जो इंजन लगे होते हैं वो मुख्य रूप से स्पार्क इग्निशन तकनीक पर काम करते हैं. यानी पेट्रोल इंजन में हवा और ईंधन के मिश्रण को स्पार्क प्लग से जलाया जाता है. वहीं, डीजल इंजन में कंप्रेशन इग्निशन होता है. अगर बात करें केरोसीन की तो इसके जलने का तापमान डीजल और पेट्रोल से ज्यादा होता है. इसका मतलब यह है कि इसको जलाने के लिए ज्यादा प्रेशर डालना होता है. साधारण कार इंजन इस तरह के ईंधन को प्रॉपर तरीके से जला ही नहीं पाती, जिसकी वजह से इंजन खराब हो सकता है या स्टार्ट ही नहीं होगा. वहीं, फाइटर जेट के इंजन को इस तरह डिजाइन किया जाता है कि वे केरोसिन को टर्बाइन के अंदर अत्यधिक दाब और तापमान पर जलाकर ऊर्जा उत्पन्न करते हैं. वहीं, कार के इंजन की क्षमता पूरी तरह अलग होती है, जो फाइटर जेट्स की तुलना में कम तापमान और दबाव पर ईंधन का उपयोग करते हैं. फाइटर जेट्स में कैसे केरोसीन करता है काम?फाइटर प्लेन में इस्तेमाल होने वाला केरोसिन कोई साधारण ईंधन नहीं होता. यह एक विशेष प्रकार का एविएशन टरबाइन फ्यूल होता है, जिसे Jet A या Jet A-1 भी कहा जाता है. यह हाई क्वालिटी वाला, साफ-सुथरा और नियंत्रित तापमान पर जलने वाला ईंधन होता है. इस ईंधन को विशेष रूप से टरबाइन इंजनों के लिए डिजाइन किया गया है, जो बहुत तेज गति से चलते हैं और उच्च तापमान पर काम करते हैं. इसकी वाष्पशीलता फ्लैश पॉइंट और बर्निंग पावर इसे फाइटर जेट के लिए परफेक्ट बनाते हैं.अगर इसको सरल शब्दों में समझें तो फाइटर प्लेन और कार दोनों के इंजन अलग तकनीक से काम करते हैं. केरोसिन जैसे ईंधन को जलाने के लिए जिस तापमान, दाब और डिजाइन की जरूरत होती है, वो सिर्फ जेट इंजनों में ही संभव है. यही वजह है कि जहां फाइटर प्लेन आराम से केरोसिन पर उड़ जाते हैं. वहीं, आपकी कार एक इंच भी नहीं चल पाएगी. इसे भी पढ़ें- नाटो से लोहा लेने के लिए रूस ने बनाया था वारसॉ पैक्ट, जानें इसमें कौन-कौन से ताकतवर देश थे शामिल?