पंजाब में विधायक कुंवर विजय प्रताप सिंह के आम आदमी पार्टी (AAP) से सस्पेंड होने जाने के बाद प्रदेश में नई बहस शुरू हो गई है। विजय प्रताप AAP के उन नेताओं में आ गए हैं, जिन्हें या तो पार्टी ने खुद निकाल दिया, या पार्टी की नीतियों से संतुष्ट न होकर नेताओं ने खुद पार्टी छोड़ दी। साल 2012 में अस्तित्व में आई AAP में नेताओं के निकालने या छोड़ने का यह सिलसिला 2014 के लोकसभा चुनाव के बाद से ही शुरू हो गया था, जो अब तक जारी है। इसी बीच 8 ऐसे नेता रहे, जिनका पंजाब में बड़ा नाम है। विजय प्रताप इस लाइन में 9वें हैं। इनमें से धर्मवीर गांधी समेत 7 नेताओं को पार्टी विरोधी बताकर निकाला गया, जबकि 2 खुद पार्टी छोड़ गए। साल 2014 के लोकसभा चुनाव में पंजाब में 13 में से 4 सीटें जीतकर AAP ने सबको चौंका दिया था। इसके बाद पंजाब में 2017 के विधानसभा चुनाव में पार्टी 20 सीटें लाने में कामयाब रही। वहीं, 2022 में पंजाब की सत्ता हासिल कर ली। आइए जानते हैं कि इस दौरान पार्टी से कौन-कौन दिग्गज नेता दूर हुए? विस्तार से जानिए, AAP से निकाले या इस्तीफा देने वाले बड़े नेताओं के बारे में... गांधी और खालसा को एक साथ निकालासाल 2014 में जब देशभर में नरेंद्र मोदी की लहर थी, उस समय AAP ने पंजाब में 4 लोकसभा सीटें जीतीं। इनमें पटियाला, संगरूर, फतेहगढ़ साहिब और फरीदकोट सीटें शामिल थीं। जीत के एक साल बाद पार्टी ने पटियाला से चुने गए डॉ. धर्मवीर गांधी और फतेहगढ़ साहिब से जीते हरिंदर सिंह खालसा को निकाल दिया। पार्टी की ओर से कारण बताया गया कि ये पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल थे। दोनों पर पार्टी की छवि धूमिल करने का आरोप लगा। हालांकि, ये दोनों सांसद बने रहे और कार्यकाल भी पूरा किया। इसके बाद गांधी कांग्रेस में, जबकि खालसा भाजपा में चले गए। मौजूदा समय में गांधी पटियाला से कांग्रेस के सांसद हैं। हालांकि, हरिंदर सिंह खालसा ने किसान आंदोलन की वजह से भाजपा छोड़ दी थी। फूलका ने त्यागपत्र देकर वकालत शुरू कीहरविंदर सिंह फूलका देश के नामी एडवोकेट हैं। वह 1884 में हुए सिख नरसंहार केस के चेहरे थे। उन्होंने 2017 के विधानसभा चुनाव में लुधियाना के मुल्लांपुर दाखा से चुनाव जीता। इस चुनाव में पार्टी प्रदेश में कांग्रेस के बाद दूसरे नंबर पर थी। पार्टी के 20 विधायक बने थे। ऐसे में पार्टी ने फूलका को विपक्ष का नेता बनाया। लेकिन, जुलाई 2017 में फूलका ने इस पद से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद उन्होंने अक्तूबर 2018 को विधायक पद भी त्याग दिया। पार्टी ने अगस्त 2019 में उनका इस्तीफा मंजूर किया। इसके बाद फूलका ने राजनीति ही छोड़ दी और वह वकालत में सक्रिय हो गए। हालांकि, 2024 में वह फिर से राजनीति में लौटे और अकाली दल की सदस्यता ली। खैहरा कांग्रेस में शामिल होकर विधायक बने इस कड़ी में सुखपाल सिंह खैहरा को भी नाम जुड़ा। वह पंजाब के राजनीतिक परिवार से संबंध रखते हैं। साल 2015 में यह कांग्रेस छोड़ AAP में शामिल हो गए। 2017 में भुलत्थ विधानसभा से वह AAP के टिकट पर चुनाव जीते, लेकिन सत्ता में कांग्रेस आई। खैहरा कद्दावर नेता थे। उन्हें पार्टी ने व्हिप का पद दिया। इसके बाद जब हरविंदर सिंह फूलका ने पार्टी छोड़ी, तो खैहरा को विपक्ष का नेता बनाया गया, लेकिन एक साल बाद ही उन्हें पार्टी ने निकाल दिया। कारण बताया गया कि वह पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल थे। इसके बाद खैहरा 2021 में कांग्रेस में शामिल हो गए और 2022 में भुलत्थ से फिर विधायक बन गए। अब उनकी गिनती CM भगवंत मान के विरोधियों में होती है। संधू पत्रकारिता में सक्रिय हुए कंवर संधू सीनियर पत्रकार हैं। वह 2017 के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले AAP में शामिल हुए। पार्टी ने उन्हें टिकट दिया और वह खरड़ से विधायक बन गए, लेकिन पार्टी ने उन्हें भी सुखपाल सिंह खैहरा के साथ ही पार्टी से निलंबित कर दिया। उन्हें भी पार्टी विरोधी गतिविधियों की दुहाई दी गई। हालांकि, संधू ने इस कार्रवाई को गलत बताया। इसके बाद उन्होंने अपना कार्यकाल पूरा किया, और राजनीति से विदा हो गए। अब वह पत्रकारिता क्षेत्र में सक्रिय हैं। छोटेपुर ने दोबारा अकाली दल जॉइन कीसुच्चा सिंह छोटेपुर पंजाब के पुराने राजनेताओं में से एक हैं। वह अकाली दल और कांग्रेस में रहे, लेकिन 2014 में AAP का दामन थाम लिया। साल 2015 से 2016 तक वह पंजाब में AAP के संयोजक पद पर रहे। इसके बाद उन्हें पार्टी से निकाल दिया गया। पार्टी में रहते हुए छोटेपुर कोई चुनाव नहीं लड़ सके। इसके बाद उन्होंने 2017 में अपनी पंजाब पार्टी लॉन्च की। हालांकि, 9 दिसंबर 2021 को वह अकाली दल में लौट गए। उन्होंने 2022 में बटाला से विधानसभा चुनाव लड़ा, और हार गए। वह अब भी अकाली दल के ही नेता हैं। घुग्गी राजनीति छोड़ फिल्मी लाइन में गएपंजाबी एक्टर और हास्य कलाकार गुरप्रीत सिंह घुग्गी फरवरी 2016 में AAP में शामिल हुए थे। उन्हें सुच्चा सिंह छोटेपुर और संजय सिंह ने पार्टी जॉइन करवाई। इसके बाद 4 सितंबर 2016 से 8 मई 2017 तक वह AAP के संयोजक भी रहे। लेकिन, इस दौरान जैसे ही भगवंत मान को पंजाब AAP का प्रधान बनाया तो घुग्गी ने पार्टी छोड़ दी। इसके बाद घुग्गी फिल्म इंडस्ट्री में ही व्यस्त हो गए। जसराज को 6 साल के लिए निकालाजस्सी जसराज पंजाबी गायक और अभिनेता हैं। उन्होंने 2014 में AAP से राजनीतिक सफर शुरू किया, जब उन्हें बठिंडा लोकसभा क्षेत्र से उम्मीदवार बनाया गया, लेकिन वह हार गए। इसके बाद अप्रैल 2016 को उन्हें 6 साल के लिए पार्टी से निकाल दिया गया। उसके बाद जस्सी ने पंजाब लोकतांत्रिक गठबंधन (PDA) और लोक इंसाफ पार्टी (LIP) के साथ मिलकर 2019 के लोकसभा चुनाव में संगरूर से टिकट लिया, लेकिन फिर से वह हार गए। तब उन्होंने राजनीति से दूरी बना ली। ॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰ यह खबर भी पढ़ें... पंजाब के AAP विधायक पार्टी से सस्पेंड:IG की नौकरी छोड़ AAP जॉइन की थी; अकाली नेता मजीठिया पर रेड का विरोध किया था पंजाब में आम आदमी पार्टी (AAP) ने अमृतसर नॉर्थ से विधायक कुंवर विजय प्रताप सिंह को पार्टी से 5 साल के लिए सस्पेंड कर दिया है। उन पर अनुशासनहीनता और पार्टी के विपरीत चलने के आरोप लगे हैं। पार्टी की पॉलिटिकल अफेयर कमेटी ने यह निर्णय लिया है। पूरी खबर पढ़ें...