भगवान का रथ भले ही श्रद्धावश हाथ से खींचा जाता है और श्रद्धालु इस रथ को बड़ी भक्ति और चाव से खींचते हैं, लेकिन तीनों रथों पर अलग-अलग घोड़े भी जुते होते हैं. ये घोड़े भगवान के रथ के साथ ही रहते हैं और इन्हें प्रतीकात्मक तरीके से बनाया जाता है. तीनों रथों के घोड़ों के अलग-अलग नाम भी हैं.