'डूम्सडे' मछली को क्यों कहा जाता है तबाही का संकेत, जानें किसने की थी कयामत की भविष्यवाणी

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समुद्र की गहराइयों में कई रहस्यमयी चीजें छुपी होती हैं.लेकिन जब इनमें से कोई सतह पर आ जाती है, तो लोग डर जाते हैं. ऐसी ही एक मछली है. जिसे लोग 'डूम्सडे फिश' या 'प्रलय की मछली' कहते हैं. जब-जब ये मछली दिखाई देती है, दुनिया में तबाही की बातें शुरू हो जाती हैं.हाल ही में यह मछली भारत के तमिलनाडु में पकड़ी गई और तब से इंटरनेट पर इसको लेकर बहस छिड़ गई है. जब से ये मछली तमिलनाडु में देखी गई है, लोग इंटरनेट पर तरह-तरह की थ्योरीज दे रहे हैं. किसी ने कहा, पिछली बार यह जापान में दिखी थी और उसके बाद सुनामी आ गई थी. कोई कह रहा है, तीसरा विश्व युद्ध हो सकता है. बहुत से लोग डर रहे हैं कि यह प्राकृतिक आपदा का संकेत हो सकता है. इस मछली के दिखने को लेकर कयामत की भविष्यवाणी भी की गई थी ऐसे में आइए जानते हैं​ कि 'डूम्सडे' मछली को क्यों तबाही का संकेत कहा जाता है.क्या है डूम्सडे मछलीतमिलनाडु के समुद्र तट पर मछुआरों के जाल में करीब 30 फीट लंबी मछली फंसी. इसका नाम ओरफिश (Oarfish) है और वैज्ञानिक भाषा में इसे Regalecus Glesne कहते हैं. ये मछली दुनिया की सबसे लंबी बोनी मछलियों में गिनी जाती है और आमतौर पर 3300 फीट गहराई में रहती है. इसलिए इसे देख पाना बहुत ही दुर्लभ होता है. ओरफिश आमतौर पर समुद्र में 200 से 1000 मीटर गहराई में पाई जाती है. इसका आकार 30 फीट और वजन 300 किलो तक हो सकता है. यह दिखने में एक चांदी जैसे रंग की लंबी रिबन जैसी होती है. यह इंसानों के लिए बिलकुल भी खतरनाक नहीं है और छोटे-छोटे समुद्री जीव खाती है.डूम्सडे मछली को क्यों कहा जाता है तबाही का संकेतजापान और कई एशियाई देशों में एक पुरानी मान्यता है कि जब भूकंप या सुनामी आने वाली होती है, तब ये मछली पहले ही सतह पर आ जाती है. जापानी लोक कथाओं में इसे रयुगु नो त्सुकाई, मतलब समुद्री देवता के महल का दूत.कहा जाता है. मान्यता है कि यह मछली पृथ्वी के नीचे होने वाली हलचलों को पहले ही महसूस कर लेती है और फिर ऊपर आकर चेतावनी देती है. इसके अलावा 2011 की भयानक सुनामी से पहले जापान के समुद्र किनारे 20 ओरफिश मरी हुई मिली थीं. उसके बाद आए भूकंप और सुनामी ने 20,000 से ज्यादा लोगों की जान ले ली, तभी से लोग मानते हैं कि जब ओरफिश दिखती है, तब कोई बड़ी आपदा आती है. इस कारण से डूम्सडे मछली को तबाही का संकेत कहा जाता है. यह मछली एक रहस्यमय और दुर्लभ मछली मानी जाती है.डूम्सडे मछली पर वैज्ञानिक क्या कहते हैंवैज्ञानिकों का डूम्सडे मछली के बारे में मानना बिल्कुल अलग है. उनका कहना है कि ओरफिश के सतह पर आने के पीछे हो सकते हैं. जैसे मछली बीमार या घायल हो सकती है. समुद्र के अंदर तेज बहाव या तूफान की वजह से ऊपर आ सकती है या यह मछली अपनी जिंदगी के आखिरी समय में हो सकती है. वैज्ञानिकों ने इस पर रिसर्च भी की है. 2019 में प्रशांत महासागर में एक स्टडी की गई जिसमें पाया गया कि ओरफिश के दिखने और भूकंप के बीच कोई सीधा संबंध नहीं है. यह भी पढ़े : ऑपरेशन सिंधु के तहत ईरान से भारत लौट रहे लोग, जानें कौन उठा रहा है इसका पूरा खर्चा?