“जेल में उम्मीद की लौ जलाए रखना आसान नहीं" उमर खालिद का तिहाड़ से अनुभव

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उमर खालिद को दोस्तोयेव्स्की की डायरी में दिलासा मिलता है, जहां कैद में उम्मीद और निराशा जैसे विषयों को तलाशते हैं.