पंजाब कैडर के 1989 बैच के वरिष्ठ आईपीएस अफसर व ऑपरेशन सिंदूर के रणनीतिकारों में से एक पराग जैन खुफिया एजेंसी रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (RAW ) के नए प्रमुख होंगे। केंद्र ने उनकी नियुक्ति का आदेश शनिवार को जारी किया। वे 1 जुलाई से कार्यभार संभालेंगे। वे 30 जून को रिटायर हो रहे RAW प्रमुख रवि सिन्हा का स्थान लेंगे। जैन RAW में पाकिस्तान डेस्क का नेतृत्व कर चुके हैं। पड़ोसी देशों के मामलों के एक्सपर्ट जैन पंजाब में आतंक के खात्मे व अनुच्छेद 370 हटाने के दौरान अहम योगदान दे चुके हैं। नियुक्ति का आदेश.. आतंकी ठिकाने तबाह करने में महत्वपूर्ण इनपुट पराग जैन फिलहाल RAW के दूसरे सबसे वरिष्ठ अफसर हैं। वर्तमान में एविएशन रिसर्च सेंटर (ARC) के प्रमुख हैं। ARC को ऑपरेशन सिंदूर में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए जाना जाता है, जिसने पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर सटीक मिसाइल हमलों की सुविधा प्रदान करने वाली खुफिया जानकारी दी थी। ARC ने ऑपरेशन के दौरान पाकिस्तानी विमानों और हवाई क्षेत्र की निगरानी में भूमिका निभाई, जिससे भारतीय वायुसेना बड़े हमले करने में सक्षम हुई। इस ऑपरेशन में ह्यूमन और टेक्निकल इंटेलिजेंस का बेहतरीन समन्वय देखने को मिला। एक्सपर्ट के मुताबिक जमीनी स्तर पर वर्षों की मेहनत और काफी कोशिशों के बाद नेटवर्क बनाने से ही इस तरह के सटीक लक्ष्य हासिल करना संभव हो पाया। श्रीलंका-कनाडा में मिशन में रहे पराग जैन ने ऑपरेशन बालाकोट के दौरान भी जम्मू-कश्मीर में काम किया है। जैन ने कनाडा में भारतीय मिशन में रहते हुए खालिस्तानी आतंकी मॉड्यूल्स पर नजर रखी थी। पंजाब में आतंक के चरम दौर में एसएसपी व डीआईजी रहे। वह श्रीलंका व कनाडा में कई भारतीय मिशन में तैनात रहे। इस दौरान उन्होंने भारत के खुफिया हितों की रक्षा की। खासकर कनाडा में खालिस्तानी गतिविधियों पर निगरानी से भारत को अहम जानकारियां मिलीं। लोगों की मदद न करने वालों पर कार्रवाई पंजाब के पूर्व डीजीपी सुरेश अरोड़ा बताते हैं, उनकी छवि ईमानदार अफसर की रही है। लुधियाना में वह बतौर डीआईजी रेंज तैनात थे, तब वे चंडीगढ़ के अपने घर से ही चीनी-चाय पत्ती व दालें तक लेकर जाते थे। पराग ने एक दिव्यांग की शिकायत पर कार्रवाई न करने पर एक एसएचओ और एक एसआई को अनिवार्य सेवानिवृत्ति दे दी थी। उन्होंने संबंधित सब इंस्पेक्टर को कहा था कि हम लोगों की भलाई के लिए हैं, इसलिए इनकी सुनवाई जल्द की जाए। इसके बावजूद उस व्यक्ति की बात नहीं सुनी गई। तो उन्होंने कार्रवाई की थी। पत्नी सीमा जैन आईएएस अफसर हैं। इन दिनों केंद्र में सेक्रेटरी फाइनेंस, स्पेस के पद पर हैं। नियुक्ति क्यों महत्वपूर्ण इस वक्त सीमा पार आतंक और खालिस्तान के पुनरुत्थान से लेकर पाकिस्तान-चीन गठजोड़ जैसी कई रणनीतिक चुनौतियां उभर रही हैं। ऐसे में उम्मीद है कि जमीनी स्तर के पुलिसिंग अनुभव, विदेश में खुफिया पोस्टिंग और तकनीकी सक्षम नेतृत्व के बेजोड़ मेल के साथ वे भू-राजनीतिक रूप से संवेदनशील अवधि के दौरान RAW के मिशन में तेजी लाएंगे। रवि सिन्हा 30 जून को रिटायर हो रहे 30 जून 2023 को छत्तीसगढ़ कैडर के सीनियर IPS अधिकारी रवि सिन्हा को भारत की खुफिया एजेंसी RAW (रिसर्च एंड एनालिसेस विंग) का नया चीफ नियुक्त किया गया था। उन्होंने तत्कालीन RAW चीफ सामंत कुमार गोयल की जगह ली थी। रवि सिन्हा बिहार के भोजपुर जिले से ताल्लुक रखते हैं। उन्होंने दिल्ली के सेंट स्टीफेंस कॉलेज से पढ़ाई की। रवि ने साल 1988 में UPSC की परीक्षा पास की। उन्हें भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी के तौर पर मध्य प्रदेश कैडर मिला। साल 2000 में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने मध्य प्रदेश के आदिवासी बहुल इलाकों को काटकर छत्तीसगढ़ राज्य की स्थापना की। तब सिन्हा तकनीकी रूप से छत्तीसगढ़ कैडर में चले गए। रिपोर्ट्स के मुताबिक IPS रवि सिन्हा को 'ऑपरेशन मैन' के नाम से भी जाना जाता है। वो खुफिया तरीके से काम करने के लिए जाने जाते हैं। आरएन काव थे भारतीय खुफिया एजेंसी RAW के पहले चीफ भारतीय खुफिया एजेंसी रिसर्च एंड एनालिसिस विंग यानी RAW (RAW) की स्थापना 1968 में हुई थी। इसके पहले चीफ आरएन काव थे। उन्हें भारत के मास्टरस्पाई के नाम से जाना जाता है। काव ने RAW के निदेशक के रूप में करीब दस वर्ष (1968 से 1977) तक अपनी सेवाएं दीं थीं। साल 1976 में इंदिरा गांधी ने उनका टेन्योर बढ़ाने का फैसला किया। उसके बाद काव को केंद्रीय कैबिनेट के सुरक्षा सलाहकार (असल में, पहले राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार) नियुक्त किया गया। इसके बाद वे तत्कालीन प्रधानमंत्री (राजीव गांधी) को सुरक्षा के मामलों और विश्व के खुफिया विभाग के अध्यक्षों से संबंध स्थापित करने में विशेष सलाहकार के रूप में अपनी सेवाएं देते रहे थे। ......................... RAW से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें... अमेरिकी रिपोर्ट में खुफिया एजेंसी RAW पर बैन की मांग: भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा- ये रिपोर्ट पक्षपाती और राजनीति से प्रेरित भारत सरकार ने देश में धार्मिक स्वतंत्रता और सीक्रेट एजेंसी RAW पर बैन की मांग करने वाली अमेरिकी सरकार की अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता आयोग (USCIRF) रिपोर्ट को खारिज कर दिया है। भारत ने इसे पक्षपाती और राजनीति से प्रेरित बताया। विदेश मंत्रालय ने कहा कि USCIRF लगातार अलग-अलग घटनाओं को गलत तरीके से पेश करता है और भारत के विविधतापूर्ण समाज को कमजोर करता है। पूरी खबर पढ़ें...