देश की आजादी की लड़ाई में जिन लोगों ने सबसे पहले राजनीतिक और बौद्धिक चेतना का बिगुल फूंकने का काम किया, उनमें दादाभाई नौरोजी भी एक थे. वो ब्रिटिश संसद में पहुंचने वाले पहले भारतीय थे.