रथयात्रा उत्सव से एक दिन पहले पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार (26 जून, 2025) को यहां नवनिर्मित जगन्नाथ मंदिर में दीघा शंकरपुर विकास प्राधिकरण (DSDA), पुलिस और इस्कॉन संन्यासियों के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक की.डीएसडीए के एक अधिकारी ने बताया कि बैठक के बाद ममता बनर्जी ने मंदिर के पास रखे भगवान जगन्नाथ और उनके भाई-बहन बलराम और सुभद्रा के लिए बनाए गए तीन रथों का निरीक्षण किया. उन्होंने डीएसडीए अधिकारियों और पुलिसकर्मियों के साथ एक किलोमीटर के यात्रा मार्ग की भी समीक्षा की.डीएसडीए के एक अधिकारी ने बताया कि बैठक के बाद ममता बनर्जी ने मंदिर के पास रखे भगवान जगन्नाथ और उनके भाई-बहन के तीन औपचारिक रथों का निरीक्षण किया. उन्होंने डीएसडीए अधिकारियों और पुलिसकर्मियों के साथ एक किलोमीटर के यात्रा मार्ग की भी समीक्षा की.मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य और अन्य गणमान्य व्यक्तियों की मौजूदगी में उन्हें पुलिस महानिदेशक (DGP) राजीव कुमार से यह कहते हुए सुना गया कि ‘इस मार्ग का अनुसरण करें. लोगों के लिए सब कुछ सुचारू और ठीक तरह से होना चाहिए.’पूर्वी मेदिनीपुर जिले के समुद्र तटीय रिसॉर्ट शहर दीघा को समारोह से पहले अच्छी तरह सजाया गया है, जहां मंदिर थीम वाले कटआउट, देवी-देवताओं की विशाल प्रतिमाएं और चंद्रनगर के कलाकारों की ओर से डिजाइन की गई रोशनी की झालरें लगाई गई हैं.कोलकाता से शहर तक राष्ट्रीय राजमार्ग के पूरे 180 किलोमीटर हिस्से पर भगवान जगन्नाथ की छवि वाले केसरिया झंडे और ‘जगन्नाथ धाम में आपका स्वागत है’ लिखे बैनर लगे हुए हैं. हजारों श्रद्धालु पहले ही दीघा पहुंच चुके हैं. लाउडस्पीकर पर भगवान जगन्नाथ के भक्ति गीत लगातार बज रहे हैं.इस बीच, सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, 'प्रतीक्षा समाप्त खत्म हुई, दिव्य दर्शन शुरू हो गए हैं. नेत्रोत्सव के इस पवित्र दिन पर, श्रद्धालु खुशी मनाते हैं क्योंकि देवता अपनी पूरी महिमा में प्रकट होते हैं. जय जगन्नाथ.'इस्कॉन के उपाध्यक्ष राधारमण दास ने कहा कि 30 अप्रैल को मंदिर के उद्घाटन के बाद से अब तक लगभग 30 लाख लोग दर्शन कर चुके हैं और रथयात्रा के दिन भी लाखों लोगों के आने की उम्मीद है. राधारमण दास ने बताया कि मुख्यमंत्री 27 जून को रथयात्रा में हिस्सा लेंगी.बाद में ममता बनर्जी ने वहां मौजूद पत्रकारों को बताया कि शुक्रवार को दोपहर 2:30 बजे तीनों रथ निकाले जाएंगे और यात्रा शाम चार बजे तक रथयात्रा पूरी हो जाएगी. उन्होंने कहा, 'आज शाम से पूजा-अर्चना शुरू हो जाएगी और कल सुबह 8:30 बजे से रथ खींचने की तैयारी शुरू हो जाएगी.'