सरकारी नौकरी करने वालों के लिए पेंशन बहुत ही अहम होती है. सरकारी नौकरी में औसतन 60 साल में रिटायर हो जाने के बाद सभी को अपने भविष्य की चिंता रहती है कि नौकरी के बाद उनके परिवार का क्या होगा, खर्चा कैसे चलेगा इत्यादि. इसलिए हर सरकारी नौकरीपेशा शख्स इसी के मद्देनजर फैमिली पेंशन का इंतजाम करते हैं, जिससे कि अगर किसी वजह से उनकी मौत भी हो जाए तो परिवार को गुजारा मिलता रहे. लेकिन उस परिस्थति में क्या हो जब किसी शख्स की दो पत्नियां हों और वो मर जाए. ऐसे में पेंशन किसे मिलेगी यह एक बड़ा सवाल है. आइए जान लिया जाए कि इसको लेकर नियम क्या कहता है. क्या कहता है नियमपिछले साल यानि 2024 में पेंशन विभाग ने एक ऑफिस मेमोरेंडम जारी किया था. अब हिंदू विवाह अधिनियम 1955 के अनुसार पहली पत्नी के जिंदा रहते हुए दूसरी शादी करना गैरकानूनी माना जाता है. यह CCS पेंशन नियम 2021 के नियमों के खिलाफ भी है. इसको लेकर पिछले साल सरकार ने कहा है कि ऐसे मामलों को CCS (पेंशन) रूल्स, 2021 के अनुसार ही देखा जाएगा. इस दौरान पहले यह तय किया जाएगा कि दूसरी शादी कानूनी है या नहीं. इसके लिए हर केस से कानूनी राय अनिवार्य रूप से ली जाएगी. कानूनी राय के बाद ही यह फैसला होगा कि आखिर पारिवारिक पेंशन किसे मिले. किस तरह होगा पेंशन का बंटवाराCCS (पेंशन) रूल्स, 2021 के नियम 50 (6) (1) में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि विधवा और विधुर का अर्थ उसके जीवनसाथी से होता है, जिसका कि मृतक सरकारी कर्मचारी या जो पेंशनभोगी है, उसके साथ कानूनी रूप से विवाह हुआ हो. अगर मृतक शख्स की एक से ज्यादा पत्नियां हैं तो पेंशन सभी पत्नियों को बराबर बराबर मिलेगी. इस दौरान अगर किसी पत्नी की मृत्यु हो जाती है या फिर वह पेंशन के अयोग्य हुई तो उसका हिस्सा उसके बच्चों को दिया जाता है. लेकिन इसके लिए पहले CCS (पेंशन) रूल्स, 2021 के नियम 50 (9) की शर्तों को पूरा करना होगा. यह भी पढ़ें: संविधान में 'समाजवाद' और 'धर्मनिरपेक्ष' शब्द पर बवाल, जानें भारत के संविधान में कब-कब हुए संशोधन