उत्तर प्रदेश में बीते दिनों सामने आए धर्मांतरण के एक मामले में व्यक्ति को जमानत मिलने के बावजूद एक महीने तक रिहा न करने पर सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को पांच लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया था. 25 जून को राज्य सरकार ने उच्चतम अदालत में बताया कि उसने मुआवजे की राशि पीड़ित व्यक्ति को दे दी है. पीड़ित व्यक्ति ने भी राज्य सरकार की ओर से मुआवजा मिलने की पुष्टि की है. इस मामले के सामने आने के बाद लोगों के मन में सवाल है कि क्या राज्य सरकार के पास इस तरह मुआवजा देने के लिए कोई अलग से फंड होता है? अगर हां तो यह फंड कौन सा है और इसमें पैसा कहां से आता है? चलिए जानते हैं इसके बारे में...पहले पूरा मामला समझिएदरअसल, धर्मांतरण के एक मामले में पुलिस ने एक आरोपी को गिरफ्तार किया था. सुप्रीम कोर्ट ने इस व्यक्ति को 29 अप्रैल को जमानत दे दी थी. इसके बाद 27 मई को निचली अदालत ने व्यक्ति को रिहा करने का आदेश दिया. इसके बावजूद व्यक्ति को रिहा करने में अधिकारियों ने करीब एक महीने का समय लगाया और उसे 24 जून को गाजियाबाद की जिला जेल से रिहा किया गया. जब यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच तो अदालत ने राज्य सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि एक मामूली सी बात के लिए व्यक्ति स्वतंत्रता 28 दिन के लिए छीन ली गई. इसकी भरपाई के लिए अदालत ने राज्य सरकार को व्यक्ति को पांच लाख रुपये मुआवजा देने का आदेश दिया था. किस फंड से मुआवजा देती है सरकार?बता दें, राज्य सरकारों या केंद्र सरकार के पास आपदा राहत कोष होता है, जिससे अलग-अलग मामलों में पीड़ितों को मुआवजा राशि बांटी जाती है. कई बार प्राकृतिक आपदाओं जैसे बाढ़, भूकंप, ओलावृष्टि मामलों में सरकारें खुद मुआवजे का ऐलान करती हैं. यह मुआवजा सरकार के राहत कोष से दिया जाता है. सड़क दुर्घटानाओं या अन्य मामलों में भी मुआवजा इसी फंड से बांटा जाता है. कोर्ट के आदेश पर कहां से दिया जाता है मुआवजा?जब भी किसी मामले में कोई अदालत राज्य सरकार को हर्जाना या मुआवजा देने का आदेश देती है तो राज्य सरकारों की ओर से राजस्व या संचित निधि का प्रयोग किया जाता है. केंद्र सरकार की तरह सभी राज्यों में संचित निधि फंड होता है, जिससे राज्य सरकार अपने तमाम खर्चों का वहन करती है. हालांकि, कई मामलों में राज्य सरकार से संबंधित विभागों को भी अलग से फंड दिया जाता है. कई बाद इन फंड का प्रयोग भी मुआवजा देने के लिए किया जाता है. यह भी पढ़ें: शराब, बीयर या रम किस पर सरकार वसूलती है सबसे ज्यादा टैक्स? जान लीजिए जवाब