पीलीभीत के जंगलों में 1992 में कटरुआ बीनने गए 29 ग्रामीणों की खालिस्तानी आतंकियों ने हत्या कर दी थी. आज भी कटरुआ की बिक्री के साथ यह खौफनाक याद तराई क्षेत्र के लोगों को झकझोर देती है.