उत्तर प्रदेश के इटावा में जिस तरह एक कथावाचक की पिटाई मुद्दा बन गया है, वह राजनीति के अलावा कुछ नहीं है. यूपी में योगी सरकार पर ब्राह्मणों की उपेक्षा के आरोप लगते रहे हैं पर इसका फायदा समाजवादी पार्टी को नहीं मिल सका है. उत्तर प्रदेश की राजनीति के एपिसेंटर में एक बार फिर ब्राह्मण ही हैं.