जेलेंस्की ने पहले अमेरिका के शुरुआती ऑफर को पूरी तरह ठुकरा दिया था। उनका कहना था कि इससे यूक्रेन को रूस के खतरे से अपनी सुरक्षा करने की गारंटी नहीं मिलती।