मोहन भागवत ने एक बौद्धिक कार्यक्रम के दौरान समाज में भारतीय परिवारिक मूल्यों को बढ़ावा देने की बात की। उन्होंने बताया कि परिवारों में भारतीय परंपराओं को सहेजने से समाज की दिशा सही दिशा में बढ़ेगी।