आस्था और गंदगी सहयात्री रहते आए हैं। आस्था के तमाम जाने-माने केन्द्रों पर या अपनी आस्था को सेलिब्रेट करने के नाम पर मनाए जाने वाले समारोहों में-प्रचंड ध्वनि प्रदूषण और रौशनी का प्रदूषण आदि के माध्यम से-इसकी मिसाल अक्सर देखने को मिलती है। प्लास्टर ऑफ पेरिस की मूर्तियों से भरे गंदे जलाशय-जिनकी मौजूदगी पानी के … Continue reading ‘पवित्र स्नान’ का दूसरा पहलू : क्या महाकुंभ में सरकारी लापरवाही से लोग बेहद गंदे पानी में नहाते रहे? →