अधिकतर उपयोग मेडिकल काॅलेज और जिला अस्पतालों में ही होता है। इस संबंध में मप्र पब्लिक हेल्थ सप्लाई कारपोरेशन ने दोनों दवाओं की आपूर्ति करने वाली कंपनियों से जवाब मांगा है। संतोषजनक उत्तर नहीं मिलने पर उस बैच की दवाओं की पूरी कीमत कंपनी को देनी होगी।