आज से कुछ दशक पहले जब लोगों के पास गाड़ी-मोटर नहीं हुआ करती थी तो वे साइकिल से ही मीलों का सफर तय करते थे। हालांकि तेजी से बदलती इस दुनिया में अब साइकिल का इस्तेमाल कहीं आने-जाने के लिए कम बल्कि वर्कआउट के लिए ज्यादा हो गया है। आजकल बहुत से लोग स्वस्थ रहने के लिए साइकिलिंग करते हैं। साइकिल चलाने से फिजिकल हेल्थ तो दुरुस्त रहती ही है, साथ ही मेंटल हेल्थ भी बेहतर होती है। इंटरनेशनल जर्नल ऑफ एपिडेमियोलॉजी में पब्लिश एक स्टडी के मुताबिक, रोजाना साइकिल चलाने से डिप्रेशन और एंग्जाइटी का खतरा 15% तक कम होता है। तो चलिए, आज जरूरत की खबर में बात साइकिलिंग के फायदों की। साथ ही जानेंगे कि- एक्सपर्ट: डॉ. हिमांशु भठेजा, कंसल्टेंट, इंटरनल मेडिसिन एंड इन्फेक्शियस डिजीज, श्री बालाजी एक्शन मेडिकल इंस्टीट्यूट, दिल्ली आइए पहले साइकिल से जुड़ी कुछ इंटरेस्टिंग बातें जान लेते हैं। भारत में 50% परिवारों के पास है साइकिल नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे (NFHS-5) 2019-20 के मुताबिक, भारत में 50.4% परिवारों के पास साइकिल है। हालांकि 2015-16 के मुकाबले यह आंकड़ा थोड़ा कम है। उस समय देश में 52% से ज्यादा परिवारों के पास साइकिल थी। नीचे दिए ग्राफिक में साइकिल से जुड़ी कुछ रोचक बातें जानिए- सवाल- साइकिलिंग स्वास्थ्य के लिए कितनी फायदेमंद है?जवाब- रोजाना सुबह साइकिल चलाने से ब्लड सर्कुलेशन अच्छा होता है और शरीर में एनर्जी आती है। तेजी से साइकिल चलाने से ज्यादा कैलोरी बर्न होती है, जिससे वजन कम करने में मदद मिलती है। साइकिलिंग से मेटाबॉलिज्म बेहतर होता है। इसके अलावा पैरों, कंधों और हाथों की मसल्स भी मजबूत होती हैं। साइकिलिंग हमारी सेहत के लिए और कैसे फायदेमंद है। इसे नीचे दिए ग्राफिक से समझिए- सवाल- किस उम्र में साइकिल चलानी शुरू करनी चाहिए?जवाब- इसके लिए कोई उम्र निर्धारित नहीं है। आमतौर पर ज्यादातर बच्चे 6 से 11 साल की उम्र के बीच साइकिल चलाना सीखते हैं। हालांकि हर बच्चे का विकास अलग होता है। इसलिए वे अलग-अलग उम्र में साइकिल चलाने के लिए तैयार होते हैं। इसके लिए उन पर दबाव नहीं बनाना चाहिए। सवाल- रोजाना कितनी देर तक साइकिल चलानी चाहिए?जवाब- डॉ. हिमांशु भठेजा बताते हैं कि यह व्यक्ति की शारीरिक क्षमता पर निर्भर करता है कि वह कितनी देर तक साइकिल चला सकता है। हालांकि अगर आप शुरुआत कर रहे हैं तो 15-20 मिनट साइकिल चलाना पर्याप्त है। वहीं एक स्वस्थ व्यक्ति को रोजाना कम-से-कम 30-40 मिनट तक साइकिल चलानी चाहिए। सवाल- क्या वर्कआउट की जगह साइकिलिंग करना बेहतर है?जवाब- वर्कआउट की जगह साइकिलिंग एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है। लेकिन यह इस बात पर निर्भर करता है कि आपके फिटनेस गोल्स क्या हैं और आपकी फिजिकल कंडीशन कैसी है। साइकिलिंग और वर्कआउट दोनों के अपने-अपने फायदे हैं, जो आपकी जरूरतों और पसंद के अनुसार बदल सकते हैं। हालांकि दोनों को मिलाकर भी आप अपनी फिटनेस प्लानिंग कर सकते हैं। सवाल- साइकिलिंग मेंटल हेल्थ के लिए कैसे फायदेमंद है?जवाब- साइकिलिंग न केवल फिजिकल हेल्थ के लिए फायदेमंद है, बल्कि मानसिक रूप से भी ताजगी और खुशी का अहसास कराती है। साइकिल चलाने से शरीर में एंडोर्फिन हॉर्मोन का लेवल बढ़ता है, जो तनाव को कम करके बेहतर महसूस कराता है। साइकिलिंग स्ट्रेस, डिप्रेशन और एंग्जाइटी जैसी मेंटल हेल्थ के खतरे से बचा जा सकती है। साइकिल चलाने से ब्रेन में ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है, जिससे उसे ज्यादा ऑक्सीजन व न्यूट्रिएंट्स मिलते हैं और दिमाग तेज काम करता है। सवाल- साइकिल चलाते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?जवाब- साइकिलिंग करना भले ही बहुत सामान्य बात है। लेकिन इसे चलाते समय कुछ सावधानी बरतने की जरूरत होती है। इसे नीचे ग्राफिक से समझिए- सवाल- क्या लंबे समय तक साइकिल चलाना नुकसानदायक हो सकता है?जवाब- डॉ. हिमांशु भठेजा बताते हैं कि अगर आप धीरे-धीरे करके टाइम बढ़ाते हैं तो लंबे समय तक साइकिलिंग कर सकते हैं। लेकिन अगर अचानक एक साथ ज्यादा देर तक साइकिलिंग करते हैं तो कुछ स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। जैसेकि- सवाल- किन लोगों को साइकिलिंग नहीं करनी चाहिए?जवाब- वैसे तो साइकिल चलाना हर किसी के लिए फायदेमंद ही है। लेकिन कुछ लोगों को इससे समस्या हो सकती है। उन्हें साइकिल चलाने से बचना चाहिए। जैसेकि- इसके अलावा घुटनों की समस्या से पीड़ित लोगों को भी साइकिल नहीं चलानी चाहिए। ..................... जरूरत की ये खबर भी पढ़िए जरूरत की खबर- क्या आपका पीने का पानी शुद्ध है: डॉक्टर से जानें TDS क्या है, ये क्यों जरूरी, कैसे करें चेक आज बड़े शहरों में आपको अधिकांश घरों में रिवर्स ऑस्मोसिस (RO) सिस्टम लगे मिल जाएंगे। हालांकि RO लगवाने के साथ-साथ पानी की गुणवत्ता के लिए टोटल डिजॉल्वड सॉलिड्स यानी TDS का ध्यान रखना भी जरूरी है। TDS का संतुलन बिगड़ने से पानी सेहत के लिए नुकसानदायक भी हो सकता है। पूरी खबर पढ़िए...