फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को झूठा ठहरा दिया। मैक्रों अमेरिका दौरे पर हैं। वे सोमवार को व्हाइट हाउस में ट्रम्प के साथ पत्रकारों से बात कर रहे थे। इस दौरान ट्रम्प ने कहा कि यूरोप, यूक्रेन को पैसे उधार दे रहा है और अपना पैसा वापस ले रहा है। ट्रम्प ने दावा किया कि अमेरिका ने यूक्रेन को जंग लड़ने के लिए ‘असल पैसा’ दिया है। ट्रम्प के ऐसा कहते ही वहां मौजूद मैक्रों हाथ पकड़कर उन्हें रोका और कहा कि यह सही नहीं है। मैक्रों ने कहा- सच कहें तो हमने पेमेंट किया है, इस जंग में जितना खर्च हुआ है उसका 60% भुगतान यूरोप ने किया है। मैक्रों ने कहा कि अगर साफ-साफ कहा जाए तो अमेरिका ने लोन, गारंटी, ग्रांट दिया लेकिन हमने असल पैसा यूरोप ने दिया। अंतरराष्ट्रीय मामलों से जुड़ी अन्य बड़ी खबरें...रूस के ग्रैंड मुफ्ती ने पुतिन को तलवार-ढाल गिफ्ट की; बोले- पुतिन को रूस के सभी मुसलमानों का समर्थनरूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को यूक्रेन जंग की तीसरी वर्षगांठ पर एक तलवार और ढाल भेंट की गई है। उन्हें यह तोहफा रूस के ग्रैंड मुफ्ती तलगत ताजुद्दीन ने दिया। ताजुद्दीन ने कहा कि यह तलवार 24 फरवरी 2022 को ऑर्डर किया गया था। इसका मकसद पुतिन के लिए रूसी मुसलमानों का पूर्ण समर्थन दिखाना है। ताजुद्दीन ने कहा कि इस्लाम को मानने वाले सभी लोग रूसी समाज का हिस्सा हैं। ताजुद्दीन रूस के मुसलमानों के केंद्रीय आध्यात्मिक प्रशासन के अध्यक्ष हैं। वे इस पद पर 33 साल से हैं। बांग्लादेश में छात्र नेता नाहिद इस्लाम का सरकार में सलाहकार पद से इस्तीफा, कल बनने वाली नई पार्टी में शामिल होंगे बांग्लादेश में छात्र नेता नाहिद इस्लाम ने मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार में सलाहकार के पद से इस्तीफा दे दिया है। वे सूचना व प्रसारण मंत्रालय और पोस्ट, टेलिकम्युनिकेशन और IT मंत्रालय में सलाहकार थे। बुधवार को बांग्लादेश में छात्र नेता मिलकर एक नई पार्टी लॉन्च करने वाले हैं। नाहिद इस्लाम इस पार्टी के संयोजक बन सकते हैं। बांग्लादेश में पिछले साल आरक्षण की मांग को लेकर छात्रों का आंदोलन हिंसक होता चला गया, जिसके बाद शेख हसीना को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था। अवामी लीग सरकार के गिरने के बाद मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में अंतरिम सरकार बनी थी। तब से नाहिद इस्लाम सरकार में सलाहकार थे। हमास नेता बोले- पता होता कि इजराइल पर हमला करने से ये हाल होगा, तो कभी समर्थन नहीं करता हमास के विदेश मामलों के प्रमुख मूसा अबू मरजूक ने कहा है कि अगर उन्हें पता होता कि इजराइल पर हमले से गाजा पर इतना विनाशकारी असर पड़ेगा, तो वे कभी हमले का समर्थन नहीं करते। हमास नेता का ये बयान 7 अक्टूबर 2023 को इजराइल पर हमले के लगभग 16 महीने बाद आया है। न्यूयॉर्क टाइम्स को दिए एक इंटरव्यू में मरजूक ने कहा कि उन्हें 7 अक्टूबर के हमले से जुड़ी खास योजनाओं के बारे में जानकारी नहीं दी गई थी। हालांकि उन्होंने और बाकी हमास नेताओं ने हमले का समर्थन किया था। इंटरव्यू पर हमास ने भी प्रतिक्रिया दी है। हमास ने बयान में कहा कि न्यूयॉर्क टाइम्स ने हमास नेता के बयान को गलत तरीके से दिखाया है। उनके बयान का संदर्भ अलग था। कनाडा ने अप्रवासी कानून सख्त किए, बॉर्डर अधिकारी वर्क परमिट-वीजा कैंसिल कर सकेंगे; 4.2 लाख भारतीय प्रभावित हो सकते हैं कनाडा ने अप्रवासियों को रोकने के लिए नए कानून लागू किए हैं। इमिग्रेशन एंड रिफ्यूजी प्रोटेक्शन रेगुलेशंस के तहत कनाडा के बॉर्डर पर तैनात सुरक्षाबलों को अधिकार दिया गया है कि वे अस्थायी रेसिडेंट डॉक्यूमेंट को रिजेक्ट कर सकते हैं। इसका सबसे ज्यादा असर भारतीयों पर पड़ेगा। नए नियमों के तहत बॉर्डर अधिकारी वर्क परमिट और स्टूडेंट वीजा जैसे डॉक्यूमेंट को कैंसिल कर सकेंगे। अगर किसी अधिकारी को लगता है कि वीजा पाने वाला व्यक्ति अपने वीजा की एक्सपायरी के बाद वापस नहीं लौटेगा, तो वे वीजा या परमिट को रिजेक्ट कर सकते हैं। कनाडा में पढ़ाई और नौकरी के लिए पहुंचने वाले लोगों में से भारतीयों की संख्या सबसे ज्यादा है। भारत सरकार के डेटा के मुताबिक, यहां फिलहाल 4.2 लाख भारतीय स्टूडेंट पढ़ाई कर रहे हैं। इसके अलावा बड़ी संख्या में भारतीय टूरिस्ट कनाडा घूमने पहुंचते हैं। 2024 के शुरुआती 6 महीनों में ही कनाडा ने 3.6 लाख भारतीयों को ट्रैवल वीजा मुहैया कराया है। अगर किसी स्टूडेंट या वर्कर या अप्रवासी को रिजेक्ट किया जाता है, तो उन्हें एंट्री पॉइंट पर ही रोक दिया जाएगा और उनके देश वापस भेज दिया जाएगा। अगर पहले से पढ़ रहे, काम कर रहे या वहां रह रहे किसी शख्स का परमिट कैंसिल किया जाता है, तो उन्हें एक नोटिस दिया जाएगा, जिसमें देश छोड़ने की तारीख बताई जाएगी। ट्रम्प ने ईमेल मामले में मस्क का समर्थन किया, बोले- हर कर्मचारी को जवाब देना चाहिए कि उसने क्या काम किया अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने ईमेल का जवाब न देने पर सरकारी कर्मचारियों को नौकरी से निकालने की धमकी देने के मामले में इलॉन मस्क का समर्थन किया है। मैक्रों के साथ एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में ट्रम्प ने कहा कि बहुत से लोग ईमेल का जवाब नहीं दे रहे हैं क्योंकि वे काम ही नहीं कर रहे। ट्रम्प ने कहा- मुझे लगता है कि यह बहुत बढ़िया है। क्योंकि हमारे पास कई ऐसे लोग हैं जो काम पर नहीं आते हैं और कोई भी नहीं जानता है कि वे सरकार के लिए क्या काम कर रहे हैं। ट्रम्प ने कहा कि हर स्टाफ को यह जानकारी देनी चाहिए कि उन्होंने इस सप्ताह क्या काम किया है। इससे पता चलेगा कि वे वास्तव में काम कर रहे हैं या नहीं। इससे सरकार को भी पता चलेगा कि किन लोगों को बिना काम किए पैसा मिल रहा है। इलॉन मस्क ने DOGE डिपार्टमेंट ने अमेरिका में सभी फेडरल कर्मचारियों को 3 लाइन एक ईमेल भेजा था। इसमें उनसे 5 पॉइंट में उनकी जॉब को जस्टीफाई करने को कहा गया था। पूरी खबर यहां पढ़ें... मैक्रों बोले- रूस से समझौता यूक्रेन का सरेंडर न लगे; ट्रम्प बोले- शांति कायम करने का खर्च यूरोप भी उठाए अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के बीच सोमवार को व्हाइट हाउस में मुलाकात हुई। मैक्रों ने ट्रम्प से कहा कि यूक्रेन में किसी भी शांति समझौते के साथ सुरक्षा की गारंटी होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि शांति समझौते का मतलब यूक्रेन का आत्मसमर्पण नहीं होना चाहिए। हालांकि ट्रम्प ने यूक्रेन की सुरक्षा को लेकर कोई बात नहीं की। उन्होंने कहा कि यूक्रेन में शांति कायम करने का खर्च सिर्फ अमेरिका को ही नहीं बल्कि यूरोपीय देशों को भी उठाना होगा। ट्रम्प ने यह भी कहा कि वे जल्द से जल्द जंग रोकना चाहते हैं और यदि इस पर सहमति बन गई तो वे पुतिन से मिलने रूस जाएंगे। जंग खत्म करने को लेकर ट्रम्प ने कहा, "मैंने पुतिन से बात की है, और मेरे लोग लगातार उनसे और उनके लोगों से बात कर रहे हैं। मेरा यही काम है। मैं डील करता हूं। मैंने पूरी जिंदगी यही काम किया है। मैं बस इतना ही जानता हूं। और मुझे पता है कि कब कोई इसे करना चाहता है और कब नहीं।" ट्रम्प के बाद अब पुतिन ने जिनपिंग से की बात, चीनी नेता बोले- हमारी दोस्ती की नो लिमिट चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से सोमवार को फोन पर बात की। पुतिन ने शी को अमेरिका के साथ हुई बातचीत के बारे में जानकारी दी। इस दौरान जिनपिंग ने कहा कि वे यूक्रेन में जंग खत्म करने के लिए मॉस्को के प्रयासों से खुश हैं। शी जिनपिंग ने कहा कि चीन और रूस सच्चे दोस्त हैं, जो हर अच्छे-बुरे समय में एक-दूसरे के साथ रहे हैं। जिनपिंग ने कहा कि दोनों देशों की दोस्ती की कोई लिमिट नहीं है और यह किसी तीसरे देश से प्रभावित नहीं होती है। शी और पुतिन के बीच यह बातचीत ऐसे वक्त में हुई है, जब यूक्रेन जंग के 3 साल पूरे होने के मौके पर कई यूरोपीय नेता यूक्रेन के प्रति समर्थन जताने के लिए राजधानी कीव पहुंचे हैं। वहीं, अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प ने यूक्रेन का साथ छोड़ संयुक्त राष्ट्र में रूस के समर्थन में वोटिंग की है। काश पटेल को FBI के बाद ATF की भी जिम्मेदारी मिली, एजेंसी हथियार और विस्फोटकों से जुड़े मामले देखती है FBI के नवनियुक्त डायरेक्ट काश पटेल ने सोमवार को अल्कोहल, टोबैको, फायरआर्म्स एंड एक्सप्लोसिव्स (ATF) के कार्यवाहक मुखिया के रूप में शपथ ली। न्यूज एजेंसी AP के मुताबिक पटेल ने ATF हेडक्वार्टर में शपथ ली। वे अब करीब 5500 कर्मचारियों वाले ब्यूरो की देखरेख करेंगे। इस एजेंसी के पास हथियार और विस्फोटकों से जुड़े कानून लागू करने की जिम्मेदार है। यह हथियार डीलरों को लाइसेंस देने, अपराधों में इस्तेमाल की गई बंदूकों का पता लगाने और शूटिंग जांच में खुफिया जानकारी का एनालिसिस भी करती है। यूक्रेन युद्ध पर संयुक्त राष्ट्र में रूस को अमेरिका-इजराइल का साथ मिला, भारत ने फिर वोटिंग से परहेज किया अमेरिका ने मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र (UN) महासभा में यूक्रेनी प्रस्ताव के खिलाफ रूस के समर्थन में वोटिंग की। यूक्रेन ने रूस के साथ युद्ध को 3 साल पूरे होने पर UN में एक प्रस्ताव पेश किया था। इस प्रस्ताव में रूसी हमले की निंदा करने और यूक्रेन से तत्काल रूसी सेना को वापस बुलाने की मांग की गई थी। अमेरिका ने अपनी पुरानी नीतियों के उलट साथी यूरोपीय देशों के खिलाफ जाकर इस प्रस्ताव के विपक्ष में मतदान किया। जबसे रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध की शुरुआत हुई, तब से पहली बार अमेरिका और इजराइल ने यूक्रेन के खिलाफ वोट किया है। जबकि भारत और चीन समेत 65 देशों ने वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया। प्रस्ताव का समर्थन करने वालों में जर्मनी, ब्रिटेन और फ्रांस जैसे प्रमुख यूरोपीय देश शामिल हैं। यह प्रस्ताव 18 के मुकाबले 93 मतों से पारित हो गया। पूरी खबर यहां पढ़ें... भारत और ब्रिटेन में फ्री ट्रेड एग्रीमेंट पर चर्चा, पीयूष गोयल से मिले ब्रिटेन के कॉमर्स मिनिस्टर भारत और ब्रिटेन के बीच आज फ्री ट्रेड एग्रीमेंट पर कई महीने के ब्रेक के बाद आज से फिर से बात शुरू हुई। इसे लेकर ब्रिटेन के कॉमर्स मंत्री जोनाथन रेनॉल्ड्स ने नई दिल्ली में वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल से मुलाकात की। इस समझौते के मकसद दोनों के बीच आपसी व्यापार को अलग साल में 3 गुना करना है। फिलहाल दोनों देशों में सालाना 20 अरब डॉलर का व्यापार होता है। भारतीय मंत्री ने कहा हमें भविष्य में 20-30-50 साल तक नजर रखनी होगी और एक मजबूत समझौता करना होगा। इससे दोनों देशों को फायदा होगा, हालांकि हमें किसी भी चीज में जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए, लेकिन यह काम तेजी से पूरा होना चाहिए।