हाल के दिनों में लोगों की खर्च करने की ताकत कम हुई है, उनकी बचत भी तेजी से घट रही है और कर्ज का बोझ बढ़ता जा रहा है. इस वजह से बाजार का तरीका बदल गया है और कंपनियां अब सस्ते सामानों की जगह प्रीमियम प्रॉडक्ट्स पर फोकस कर रही हैं.