Awadh Ojha After Losing Election: दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के कई महीनों बाद अब आम आदमी पार्टी के नेता अवध ओझा का बड़ा बयान आया है. पटपड़गंज विधानसभा सीट बीजेपी से हारने पर उन्होंने कहा कि इस सीट पर आम आदमी पार्टी के लिए परिस्थिति ठीक नहीं थी.अवध ओझा ने हाल ही में एक कोचिंग क्लास के दौरान विधानसभा चुनाव में अपनी लड़ाई का जिक्र करते हुए कहा कि हार-जीत की चिंता छोड़कर लड़ना जरूरी है, क्योंकि लड़ने वालों का ही नाम होता है. विधानसभा चुनाव के दौरान अवध ओझा दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया की सीट पर चुनाव लड़े पर उन्हें बीजेपी उम्मीदवार रविंद्र सिंह नेगी उर्फ रवि नेगी से मुकाबले में हार का सामना करना पड़ा. 'पटपड़गंज के लोग भी बता रहे थे कि स्थिति खराब है' रविंद्र सिंह नेगी ने 2020 के विधानसभा चुनाव में सिसोदिया को भी कड़ी टक्कर दी थी. अवध ओझा ने कहा कि लोग उन्हें पटपड़गंज से लड़ने को मना कर रहे थे. पटपड़गंज के लोग भी उन्हें बता रहे थे कि स्थिति खराब है. उन्होंने कहा, 'मुझसे बहुत लोगों ने कहा मास्टर, लड़ गए और ऐसी पार्टी से लड़े जहां ऑड सिचुएशन थी. ईवन वाले से भी लड़ सकते थे. लोग इस क्षेत्र में थे कह रहे थे कि 500 वोट मिलेगा. मैंने कहा कोई बात नहीं उतरें तो बल्ला-वल्ला उठाने दो, पैड पहनने दो, ग्राउंड पर तो उतरें तो. लोग बोले बहुत खतरनाक बॉलर है पूरा ओवर योरकर मारता है.'PM मोदी ने नेगी के छुए पैर, जिसके बाद लोगों का मन बदला: अवध ओझाअवध ओझा ने कहा कि उन्होंने चुनाव के दौरान बहुत मेहनत की. हर आदमी से मिले. सिर्फ चार घंटे सोते थे. इतिहास में दो ही लोगों को नाम है, अकबर और महाराणा प्रताप क्योंकि दोनों लड़े. मैं दूसरे नंबर पर रहा. पहली बार चुनाव लड़ा. नेगी को मजबूत उम्मीदवार बताते हुए ओझा ने कहा कि मुझसे जो लड़ा वह विधायक रहा, दो बार वार्ड पार्षद रहा. पूरे चुनाव में उसने 10 करोड़ रुपये खर्च किए. ओझा ने यह भी कहा कि पीएम मोदी ने उसके पैर छू लिए थे जिसकी वजह से लोगों का मन बदल गया और वह हार गए.ये भी पढ़ें: 'मैं एक साधारण बौद्ध भिक्षु हूं', अपने 90वें जन्मदिन पर बोले बौद्ध धर्मगुरु दलाई लामा