इंटरनेशनल न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के X अकाउंट पर शनिवार को भारत में रोक लगा दी गई। अभी तक इसे लेकर भारत सरकार या रॉयटर्स की तरफ से कोई बयान जारी नहीं किया गया है। रॉयटर्स के X प्रोफाइल एक्सेस करने पर एक मैसेज दिखाई दे रहा है, जिसमें कहा गया है कि अकाउंट को "कानूनी मांग के जवाब में" रोक दिया गया है। इस कार्रवाई की डिटेल अभी तक सामने नहीं आई। हालांकि, रॉयटर्स से जुड़े कुछ अन्य अकाउंट्स जैसे रॉयटर्स टेक न्यूज, रॉयटर्स फैक्ट चेक, रॉयटर्स पिक्चर्स, रॉयटर्स एशिया और रॉयटर्स चाइना जैसे अकाउंट अभी भी एक्टिव हैं। X की पालिसी के मुताबिक, किसी रीजन में किसी अकाउंट पर तब रोक लगाई जाती है, जब कंपनी (X) को इसे लेकर कानूनी आदेश मिलता है। व्हाइट हाउस ने भी 3 महीने पहले रोक लगाई थी अमेरिका में ट्रम्प प्रशासन ने अप्रैल में व्हाइट हाउस प्रेस पूल से रॉयटर्स को बाहर करने का फैसला किया था। इसके साथ ही ब्लूमबर्ग और एसोसिएटेड प्रेस (AP) न्यूज पर भी रोक लगाई गई थी। प्रेस पूल एक छोटा सा ग्रुप होता है, जिसमें करीब 10 मीडिया संस्थान होते हैं। इसमें कुछ पत्रकार और फोटोग्राफर शामिल होते हैं। ये लोग राष्ट्रपति की हर छोटी-बड़ी गतिविधि को कवर करते हैं और बाकी पत्रकारों को जानकारी देते हैं। इसके बाद रॉयटर्स की प्रवक्ता ने कहा था कि हमारी खबरें हर दिन अरबों लोगों तक पहुंचती हैं। सरकार का यह कदम जनता के उस अधिकार को खतरे में डालता है, जिसमें उसे स्वतंत्र और सटीक जानकारी मिलनी चाहिए। रॉयटर्स की स्थापना 1851 में हुई थी रॉयटर्स एक ब्रिटिश न्यूज एजेंसी है। इसकी स्थापना 1851 में पॉल जूलियस रॉयटर ने की थी। शुरुआत में, रॉयटर्स खबरें पहुंचाने के लिए कबूतरों का इस्तेमाल करती थी। आज यह दुनिया का सबसे बड़ी न्यूज एजेंसियों में से एक है। रॉयटर्स के दुनिया भर में 200 से ज्यादा ऑफिस हैं, जिनमें 2,600 से ज्यादा पत्रकार काम करते हैं। यह एजेंसी पूरी दुनिया में न्यूज कवर करती है। यह 16 भाषाओं में न्यूज देती है। रॉयटर्स ग्लोबल न्यूज के साथ-साथ, ट्रेड, बिजनेस, टेक्नोलॉजी, स्पोर्ट्स और पर्यावरण जैसे मुद्दों पर न्यूज कवर करती है। इसके अलावा, यह फैक्ट-चेकिंग और फोटो जर्नलिज्म की सर्विस भी देती है।