तेलंगाना के बीआरएस नेता और पूर्व मंत्री के. तारक रामाराव (केटीआर) ने मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी को किसानों के मुद्दे पर बहस के लिए चुनौती दी है. उन्होंने कहा कि रेवंत रेड्डी किसानों के नाम पर केवल राजनीति कर रहे हैं, जबकि बीआरएस सरकार ने ही किसानों के लिए वास्तविक काम किया है.केटीआर ने कहा, 'रेवंत रेड्डी को बेसिक ज्ञान नहीं है, इसलिए मैं उन्हें 72 घंटे का समय दे रहा हूं, ताकि वे तैयारी कर सकें. वे जगह, तारीख और समय तय करके बता दें, मैं चर्चा के लिए तैयार हूं. उन्होंने आरोप लगाया कि रेवंत रेड्डी आंध्र प्रदेश के हित में तेलंगाना का पानी ले जा रहे हैं.'बीआरएस सरकार ने किसानों के लिए किया कामकेटीआर ने बीआरएस सरकार के कार्यों का जिक्र करते हुए कहा कि उनके शासनकाल में किसानों को मुफ्त बिजली, सिंचाई सुविधाएं और वित्तीय सहायता मिली. उन्होंने कहा, 'हमने 9 साल में 9 बिलियन डॉलर सीधे किसानों के खाते में डाले, क्या कांग्रेस सरकार ने ऐसा कुछ किया?'इसके जवाब में कांग्रेस नेताओं ने कहा कि केटीआर के दावे झूठे हैं और बीआरएस सरकार ने किसानों का शोषण किया. राज्य में किसानों को यूरिया और बीज के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है, जिसकी जिम्मेदार बीआरएस सरकार है. महासभा में सिर्फ भाजपा की बुराई कीउधर तेलंगाना बीजेपी के नए अध्यक्ष रामचंदर राव ने कांग्रेस की महासभा पर विरोध करते हुए कहा कि खरगे जी इस सभा में सिर्फ भारतीय जनता पार्टी की बुराई करते रहे, किसानों और पिछड़े वर्ग के बारे में कोई बात नहीं की. तेलंगाना बीजेपी अध्यक्ष ने बताया कि खरगे जी जैसे वरिष्ठ नेता का जनता में गलत फहमी फैलाना ठीक है. रामचंदर राव ने मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी की तरफ से आने वाले चुनाव में 100 विधायक और 15 संसद के दावे को खारिज करते हुए बताया कि तेलंगाना की जनता ने बीआरएस और कांग्रेस का शासन देख लिया, अब उनका दोनों ही पार्टियों पर भरोसा उठ गया है. अब जनता की नजरें भारतीय जनता पार्टी पर हैं और हम उम्मीद करते हैं कि इस बार जनता हमें मौका देगी.ये भी पढ़ें:- 'ऑपरेशन सिंदूर में एक साथ तीन दुश्मन देशों को किया चित', बोली भारतीय सेना