अरबी टोपी और कफीह पहने नजर आए फारूक अब्दुल्ला, बोले- 'इस्लाम को कोई हरा नहीं सकता'

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National Conference President Farooq Abdullah: नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष डॉ. फारूक अब्दुल्ला आज रविवार (6 जुलाई, 2025) को बिल्कुल नए अवतार में दिखे, जब वे मोहर्रम के 10वें दिन केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर की राजधानी श्रीनगर के पुराने शहर में हजारों सिया शोक मनाने वालों में शामिल हुए. इस दौरान फारूक अब्दुल्ला को अरब टोपी और फिलिस्तीनी प्रतिरोध के प्रतीक पारंपरिक कफीह पहने देखा गया, जिसे मिडिल ईस्ट के देशों के कुछ हिस्सों में पुरुषों की ओर से पारंपरिक हेड ड्रेस के तौर पर पहना जाता है.फारूक अब्दुल्ला ने फिलिस्तीन और ईरान के लोगों के साथ दिखाई एकजुटताजम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष डॉ. फारूक अब्दुल्ला अपने पोतों जमीर और जाहिद अब्दुल्ला के साथ श्रीनगर में आशूरा जुलूस में भाग लिया. इस दौरान उन्होंने फिलिस्तीन और ईरान में चल रहे संघर्षों की प्रशंसा करते हुए मुसलमानों से उत्पीड़न और अन्याय के खिलाफ लड़ाई में एकजुट होने का अनुरोध किया. उन्होंने कहा, "यह इस्लामी दुनिया, फिलिस्तीन और ईरान के लोगों के साथ एकजुट है, जो इस्लामी युद्ध लड़ रहे हैं."फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि दुनिया भर के मुसलमानों को एकजुट होना चाहिए और बुराई की सभी ताकतों के खिलाफ एकजुट होकर लड़ाई लड़ना चाहिए. उन्होंने कहा कि यही शांति का एकमात्र रास्ता है.इस्लाम दुनिया को सिखाता है शांति और भाईचाराः डॉ. फारूक अब्दुल्लाडॉ. फारूक अब्दुल्ला ने आशूरा जुलूस के दिन को लेकर भी टिप्पणी की. उन्होंने कहा, “इसने न केवल मुसलमानों को बल्कि दुनिया को यह उम्मीद दी है कि इस्लाम को कोई हरा नहीं सकता है.” उन्होंने कहा कि इस्लाम शांति और भाईचारा सिखाता है और यही शांति का संदेश हुसैन (पैंगंबर मुहम्मद के पोते) ने कर्बला के युद्ध के मैदान में अत्याचार और बुराई से लड़ते हुए दिया था.अब्दुल्ला ने कहा, “कर्बला ने इस्लाम को यह उम्मीद दी कि हम सभी मुश्किलों के बावजूद जीवित रहेंगे और इस्लाम को कोई हरा नहीं सकता है."यह भी पढे़ंः ISS से धरती को निहारते दिखे शुभांशु शुक्ला, स्पेस में दिखा खूबसूरत नजारा, फोटो देख हो जाएंगे दंग