उद्धव गुट बोला- हम हिंदी विरोधी नहीं:इस भाषा के थोपे जाने के खिलाफ; स्टालिन ने कहा था- महाराष्ट्र पहुंची तमिलनाडु की हिंदी विरोधी लड़ाई

Wait 5 sec.

महाराष्ट्र सरकार ने फैसला लिया था कि कक्षा 1 से 5 तक हिंदी तीसरी भाषा के रूप में पढ़ाई जाएगी, लेकिन विरोध के बाद सरकार ने यह फैसला वापस ले लिया। इस जीत का जश्न मनाने के लिए शनिवार को उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे सालों बाद एक मंच पर आए। हालांकि, अगले ही दिन रविवार को उद्धव की शिवसेना ने साफ किया कि उनकी पार्टी हिंदी भाषा के खिलाफ नहीं है। पार्टी के नेता संजय राउत ने कहा;- तमिलनाडु में जो हिंदी विरोध है, उसमें वे न हिंदी बोलते हैं और न दूसरों को बोलने देते हैं। लेकिन महाराष्ट्र में हमारा ऐसा कोई रुख नहीं है। हम हिंदी बोलते हैं, यहां हिंदी फिल्में, थिएटर और संगीत भी है। हमारी लड़ाई सिर्फ प्राथमिक शिक्षा में हिंदी थोपने के खिलाफ है। राउत ने कहा कि DMK नेता एम.के. स्टालिन को उनके संघर्ष के लिए शुभकामनाएं, लेकिन हमारी सीमाएं स्पष्ट हैं। स्टालिन बोले- हमारी हिंदी विरोधी लड़ाई महाराष्ट्र पहुंची उद्धव और राज ठाकरे को एक साथ मंच पर देखकर स्टालिन ने भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने एक्स पर लिखा कि तमिलनाडु और DMK द्वारा पीढ़ी दर पीढ़ी लड़ी गई हिंदी विरोधी लड़ाई अब बाहर निकलकर महाराष्ट्र तक पहुंच गई है। उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में मुंबई में हुई विजय रैली का उत्साह और जोश हमें गर्व और उम्मीद से भर देता है। हालांकि उद्धव गुट ने स्टालिन के समर्थन को सराहा, लेकिन स्पष्ट किया कि वे हिंदी भाषा के विरोध में नहीं हैं, केवल शिक्षा में जबरन थोपने के खिलाफ हैं। उद्धव-राज ठाकरे बोले- मराठी के लिए लड़ना गुंडागर्दी, तो हम गुंडेमहाराष्ट्र में हिंदी को लेकर जारी विवाद के बीच उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे ने 'मराठी एकता' पर शनिवार को मुंबई के वर्ली सभागार में 'मराठी विजय रैली' की। दोनों ने 48 मिनट तक हिंदी-मराठी भाषा विवाद, मुंबई-महाराष्ट्र, भाजपा और केंद्र सरकार पर निशाना साधा। दोनों नेताओं ने कहा- तीन भाषा का फॉर्मूला केंद्र से आया। हिंदी से कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन इसे थोपा नहीं जाना चाहिए। अगर मराठी के लिए लड़ना गुंडागर्दी है तो हम गुंडे हैं। उद्धव और राज 20 साल बाद एक मंच पर साथ नजर आए। आखिरी बार 2006 में बाला साहेब ठाकरे की रैली में साथ दिखे थे। उद्धव को शिवसेना का मुखिया बनाने के बाद राज ने अलग पार्टी महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) बनाई थी। तब दोनों के रिश्ते अच्छे नहीं थे। 20 साल बाद एक मंच पर साथ नजर आए उद्धव-राजउद्धव और राज 20 साल बाद एक मंच पर साथ नजर आए। आखिरी बार 2006 में बाला साहेब ठाकरे की रैली में साथ दिखे थे। उद्धव को शिवसेना का मुखिया बनाने के बाद राज ने अलग पार्टी महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) बनाई थी। तब दोनों के रिश्ते अच्छे नहीं थे। सबसे पहले राज ठाकरे 25 मिनट बोले, कहा- आडवाणी भी मिशनरी स्कूल में पढ़े उद्धव ने 24 मिनट स्पीच दी, कहा- तो हां, हम गुंडे हैं जानिए, महाराष्ट्र में भाषा विवाद क्या है हिंदी से जुड़ी यह खबर भी पढ़ें... शाह बोले- किसी विदेशी भाषा का विरोध नहीं: हिंदी सभी भारतीय भाषाओं की सखी गृह मंत्री अमित शाह ने 26 जून को नई दिल्ली में राजभाषा विभाग के कार्यक्रम में कहा- हिंदी सभी भारतीय भाषाओं की सखी है। हिंदी और सभी भारतीय भाषाएं मिलकर हमारे आत्मगौरव के अभियान को उसकी मंजिल तक पहुंचा सकती हैं। पूरी खबर पढ़ें...