देवशयनी एकादशी आज, चार माह तक नहीं होंगे मांगलिक कार्य

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आज छह जुलाई से एक नवंबर के बीच की अवधि में संत, महंत एक एक जगह रहकर जप, तप, स्वाध्याय, भजन-कीर्तन, प्रवचन आदि करते हैं। उन्होंने बताया कि इस साल आठ जून से ही गुरू और शुक्र के अस्त होने के कारण वैवाहिक कार्यक्रम पहले से ही बंद थे, लेकिन अब देवशयन के बाद अन्य तरह के मांगलिक कार्य भी नहीं हो सकेंगे।