अयोध्या में मोहर्रम के मौके पर शिया समुदाय ने सदियों पुरानी परंपरा निभाते हुए सरयू नदी में ताजिया प्रवाहित किया. यह अनूठी परंपरा गंगा-जमुनी तहजीब की मिसाल पेश करती है, जहां धार्मिक एकता और भाईचारा स्पष्ट रूप से झलकता है.