संविधान की प्रस्तावना में सेक्युलर और सोशलिस्ट शब्द आपातकाल के दौरान 42वें संशोधन के ज़रिए जोड़े गए थे. मगर ये संशोधन सिर्फ़ दो शब्दों तक सीमित नहीं था बल्कि ये इतना व्यापक था कि इसे 'मिनी संविधान' कहा जाने लगा.