देश में कोरोना से 4 दिन में 31 मौतें:एक्टिव केस 4 हजार पार, महाराष्ट्र-केरल में 50% केस; दिल्ली के अस्पतालों में तैयारियां शुरू

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देश में कोरोना वायरस के एक्टिव केसों की संख्या 4026 पहुंच गई है। इनमें से 50 फीसदी मामले केरल और महाराष्ट्र में हैं। केरल में सबसे ज्यादा 1416 एक्टिव केसेज हैं। वहीं महाराष्ट्र से 494 मामले सामने आए हैं। अब तक देशभर में 2700 मरीज ठीक भी हुए हैं। कोरोना से अब तक 38 मौतें हो चुकी हैं। इनमें से 31 की मौत बीते 4 दिन में हुई हैं। सोमवार को महाराष्ट्र में एक 70 साल और एक 73 साल की महिला की जान चली गई। राज्य में सबसे ज्यादा 10 मौतें हुई हैं। 24 घंटे में केरल, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल और गुजरात में भी 1-1 मौत हुई है। लगातार बढ़ते केसों के बीच दिल्ली के आरएमएल, सफदरजंग समेत अन्य अस्पतालों ने तैयारी शुरू कर दी है। हालांकि डॉक्टरों का कहना है कि कोरोना के मामले बढ़ना कोई चिंता की बात नहीं है। किसी भी मरीज को कोई गंभीर समस्या नहीं हो रही है। सभी को सामान्य लक्षण हैं। आरएमएल अस्पताल में 9 बेड का आइसोलेशन वार्ड तैयार किया हुआ है। हाई कोर्ट ने कहा- कोविड की अगली महामारी अभी खत्म नहीं हुई दिल्ली हाई कोर्ट ने सोमवार को कहा- कोविड की अगली महामारी अभी खत्म नहीं हुई है, बल्कि यह अभी भी समाज में सक्रिय है। कोर्ट ने केंद्र सरकार से सैंपल कलेक्शन, सैंटर और ट्रांसपोर्ट पॉलिसी को लेकर की गई तैयारियों की जानकारी मांगी है। कोर्ट ने कहा कि 30 मई 2023 को हुई बैठक के बाद जो भी निर्णय लिए गए, उन्हें लागू करने में अगर कोई खालीपन है तो यह गंभीर मामला है। जस्टिस गिरीश कथपालिया ने कहा कि यह मानकर चलना चाहिए कि जरूरी कदम और प्रोटोकॉल तय किए जा चुके होंगे, लेकिन संबंधित अधिकारियों को इसे रिकॉर्ड पर लाना चाहिए। केंद्र सरकार ने कहा- कोरोना से निपटने के लिए तैयारियां पूरीकेंद्रीय स्वास्थ्य और आयुष राज्य मंत्री प्रतापराव जाधव ने कहा- स्वास्थ्य विभाग और आयुष मंत्रालय पूरी तरह से सतर्क हैं। सभी राज्यों के हालात पर नजर रख रहे हैं। हमने संबंधित सचिवों और मंत्रियों से बातचीत की है। उन्होंने आगे कहा कि पिछली कोविड लहरों के दौरान बने ऑक्सीजन प्लांट, ICU बेड इत्यादि की समीक्षा हो चुकी है। किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयारियां जारी हैं। 10 राज्यों में अब तक 38 की मौत मिजोरम में 7 महीने बाद कोविड का पहला केस मिलामिजोरम में 30 मई को 2 लोगों में कोविड-19 की पुष्टि हुई है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि राज्य में इस तरह का आखिरी मामला सामने आने के 7 महीने बाद कोविड के केस मिले। मिजोरम में कोविड-19 का आखिरी मामला अक्टूबर 2024 में सामने आया था, उस दौरान राज्य में 73 लोग वायरस से संक्रमित हुए थे। उन्होंने बताया कि मरीजों का इलाज आइजोल के पास फल्कोन में जोरम मेडिकल कॉलेज और अस्पताल (ZMCH) में चल रहा है। राज्य के स्वास्थ्य विभाग के इंटीग्रेटेड रोग निगरानी कार्यक्रम (IDSP) ने लोगों से न घबराने की बात कही है। IDSP ने लोगों से कोविड प्रोटोकॉल का पालन करने, नियमित रूप से हाथ धोने, हैंड सैनिटाइजर का उपयोग करने और भीड़-भाड़ वाले इलाकों में न जाने की सलाह दी है। महाराष्ट्र में 10 हजार से ज्यादा कोविड टेस्ट महाराष्ट्र सरकार ने बताया कि 31 मई को कोविड के 68 नए मामले सामने आए। वहीं मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मुंबई में जनवरी 2025 से अब तक 411 केस मिले हैं। जनवरी से अब तक राज्य में 10,324 कोविड-19 टेस्ट किए गए, जिसमें 681 कोरोना पॉजिटिव निकले थे। इधर जम्मू-कश्मीर में गुरुवार को कोविड-19 के दो मामले सामने आए थे। दोनों मरीज केरल के रहने वाले हैं और श्रीनगर के गवर्नमेंट डेंटल कॉलेज में पढ़ाई कर रहे हैं। भारत में मिले कोविड-19 के 4 नए वैरिएंटभारत के कई राज्यों में कोविड-19 के मामलों में बढ़ोतरी के बीच देश में चार नए वैरिएंट मिले हैं। ICMR के डायरेक्टर डॉ. राजीव बहल ने बताया कि दक्षिण और पश्चिम भारत से जिन वैरिएंट की सीक्वेंसिंग की गई है, वे LF.7, XFG , JN.1 और NB.1.8.1 सीरीज के हैं। बाकी जगहों से नमूने लेकर सीक्वेंसिंग की जा रही है, ताकि नए वैरिएंट की जांच की जा सके। मामले बहुत गंभीर नहीं हैं और लोगों को चिंता नहीं करनी चाहिए, बस सतर्क रहना चाहिए। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) ने भी इन्हें चिंताजनक नहीं माना है। हालांकि निगरानी में रखे गए वैरिएंट के रूप में कैटेगराइज किया है। चीन सहित एशिया के दूसरे देशों में कोविड के बढ़ते मामलों में यही वैरिएंट दिख रहा है। NB.1.8.1 के A435S, V445H, और T478I जैसे स्पाइक प्रोटीन म्यूटेशन अन्य वैरिएंट की तुलना में तेजी से फैलते हैं। इन पर कोविड के खिलाफ बनी इम्यूनिटी का भी असर नहीं होता। भारत में कोविड का JN.1 वैरिएंट सबसे आम है। टेस्टिंग में आधे से ज्यादा सैंपल में यह वैरिएंट मिलता है। इसके बाद BA.2 (26 प्रतिशत) और ओमिक्रॉन सबलाइनेज (20 प्रतिशत) वैरिएंट के मामले भी मिलते हैं। JN.1 वैरिएंट इम्यूनिटी कमजोर करता है​​​​​JN.1, ओमिक्रॉन के BA2.86 का एक स्ट्रेन है। इसे अगस्त 2023 में पहली बार देखा गया था। दिसंबर 2023 में WHO ने इसे 'वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट' घोषित किया। इसमें करीब 30 म्यूटेशन्स हैं, जो इम्यूनिटी कमजोर करते हैं। अमेरिका के जॉन्स हॉपकिंस यूनिवर्सिटी के अनुसार JN.1 अन्य वैरिएंट की तुलना में ज्यादा आसानी से फैलता है, लेकिन यह बहुत गंभीर नहीं है। दुनिया के कई हिस्सों में यह सबसे आम वैरिएंट बना हुआ है। JN.1 वैरिएंट के लक्षण कुछ दिनों से लेकर हफ्तों तक रह सकते हैं। अगर आपके लक्षण लंबे समय तक बने रहते हैं, तो हो सकता है कि आपको लंबे समय तक रहने वाला कोविड हो। यह एक ऐसी स्थिति है, जिसमें COVID-19 के कुछ लक्षण ठीक होने के बाद भी बने रहते हैं। --------------------------------------------------- कोरोना से जुड़ी यह खबरें भी पढ़ें... कोरोना साल 2021 में मौतों में 20 लाख का इजाफा, सरकारी रिपोर्ट में खुलासा; इसी साल दोगुना रेट से बढ़ी कोविड-हार्ट डिजीज से मरने वालों की संख्या सालभर बाद दोबारा भारत में कोरोना के एक्टिव मामले 1 हजार का आंकड़ा पार कर चुके हैं। इसमें 2021 के कोरोना काल में मरने वालों का आंकड़ा सामने आया है। यह रिपोर्ट मेडिकल सर्टिफिकेशन ऑफ कॉज ऑफ डेथ (MCCD) ने जारी की है। पूरी खबर पढ़ें...