सुपरमैसिव ब्लैक होल ने तारों को नोच डाला, ब्रह्मांड में दिखा तबाही का लाइव सीन

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Written by:Deepak VermaAgency:News18HindiLast Updated:June 02, 2025, 00:04 ISTSupermassive Black Hole: वैज्ञानिकों ने दो टकराती आकाशगंगाओं में एक सुपरमैसिव ब्लैक होल द्वारा तारे को फाड़कर निगलते हुए देखा. यह केवल दूसरी बार है जब ज्वारीय विघटन घटना (TDE) को परस्पर क्रिया करती आकाशगंगाओं म...और पढ़ेंइम्पैक्ट शॉर्ट्ससबसे बड़ी खबरों तक पहुंचने का आपका शॉर्टकटLegacy Survey DR10 की इस तस्वीर के इनसेट में नीले क्रॉस द्वारा दर्शाए गए इंटरैक्टिंग माइनर गैलेक्सी के नाभिक में होने वाले क्षणिक परिवर्तन को दिखाया गया है. (Image credit: Legacy Surveys / D. Lang (Perimeter Institute) / INAF / F. Onori)हाइलाइट्सवैज्ञानिकों ने सुपरमैसिव ब्लैक होल द्वारा तारे को निगलते देखा.यह घटना 700 मिलियन प्रकाशवर्ष दूर AT 2022wtn में हुई.ब्लैक होल ने तारे को स्पेगेटीफिकेशन प्रक्रिया में तोड़ा.नई दिल्ली: आकाशगंगाओं में अक्सर कुछ ऐसा होता है जो हम इंसानों की कल्पना से बाहर है. सितारों की मौत, ब्लैक होल की भूख, और अंतरिक्ष की भयावह खामोशी. हाल ही में वैज्ञानिकों ने एक बेहद दुर्लभ और हिंसक खगोलीय घटना का गहराई से अध्ययन किया. इस घटना में एक तारा गलती से एक सुपरमैसिव ब्लैक होल के पास पहुंच गया. नतीजा वही हुआ जो अक्सर होता है- तारकीय स्पेगेटी! इस घटना को खगोलविदों ने AT 2022wtn नाम दिया है. यह हमारे सौरमंडल से लगभग 700 मिलियन प्रकाशवर्ष दूर घटित हुई. ये स्थान एक ऐसी आकाशगंगा में है जो खुद किसी और बड़ी आकाशगंगा से टकरा रही है. इस घटना का महत्व सिर्फ इसके पैमाने या दूरी में नहीं है. यह इसलिए भी खास है क्योंकि यह दूसरी बार है जब ऐसा धमाका किसी टकराती हुई गैलेक्सी में देखा गया है.जब सितारा बना ब्लैक होल का ‘खाना’ब्लैक होल जब किसी तारे को अपनी तरफ खींचता है, तो यह एक साधारण गुरुत्वीय खिंचाव नहीं होता. ब्लैक होल का गुरुत्व इतना ताकतवर होता है कि वह तारे को पहले खींचता है, फिर खींचते-खिंचते उसे तोड़ देता है. वैज्ञानिक इस प्रक्रिया को टाइडल डिस्रप्शन इवेंट (TDE) कहते हैं. AT 2022wtn भी एक TDE है. इसमें ब्लैक होल ने एक छोटे द्रव्यमान वाले तारे को पूरी तरह निगल लिया. पहले तारा खिंचता गया, फिर चपटा हो गया और आखिर में खिंचकर लंबा हो गया- जैसे स्पेगेटी. इसे वैज्ञानिक ‘स्पेगेटीफिकेशन’ कहते हैं.लेगेसी सर्वे डीआर10 की छवि में एटी 2022डब्ल्यूटीएन इलाका दिख रहा है, जहां एक छोटी आकाशगंगा के केंद्र (नीले क्रॉस से चिह्नित) में अचानक चमक दिखाई दी. दो आकाशगंगाओं के गुरुत्वाकर्षण विलय से बने ज्वारीय पूंछ (टाइडल टेल्स) स्पष्ट दिख रहे हैं.  (Image credit: Legacy Surveys / D. Lang (Perimeter Institute) / INAF / F. Onori)लाइट शो जिसकी चमक पूरी गैलेक्सी से तेजऐसी घटनाएं सिर्फ विनाश नहीं लातीं, वे रोशनी भी लाती हैं. जब तारा ब्लैक होल के आसपास घूमता है, तो उसका कुछ मलबा एक डिस्क में बदल जाता है जिसे एक्रीशन डिस्क कहा जाता है. यह डिस्क इतनी तेज़ी से घूमती है कि उससे पैदा होने वाली रोशनी पूरी आकाशगंगा की सारी सितारों की रोशनी से ज्यादा चमकदार हो जाती है.इस विशेष घटना में भी ऐसा ही हुआ. लेकिन इसके अलावा एक खास बात और थी, इसने कुछ दिनों के लिए स्थिर रोशनी (प्लैटू) दिखाई, फिर अचानक तापमान गिरा और गैसों की स्पेक्ट्रम में हीलियम और नाइट्रोजन की दो अलग-अलग रेखाएं दिखीं. यह पहली बार इतनी स्पष्टता से देखा गया.बाहर की ओर फैली तारे की ‘गुब्बारा’ मौतब्लैक होल हर चीज़ को निगल नहीं पाता. कुछ मलबा इतना तेज होता है कि वह बाहर की ओर भाग निकलता है. AT 2022wtn में भी ऐसा हुआ. इसके कुछ हिस्से ने एक विशाल गैसीय गुब्बारे का रूप ले लिया. इस घटना से रेडियो तरंगों की एक तेज चमक भी निकली. वैज्ञानिकों ने पाया कि प्रकाश पैदा करने वाले तत्वों की गति भी तेज़ी से बदल रही थी. इसका मतलब साफ था. तारा पूरी तरह तबाह हो चुका था.AT 2022wtn को थोड़ा और करीब से देखने पर. (Image credit: Legacy Surveys / D. Lang (Perimeter Institute) / INAF / F. Onori)क्या ये सिर्फ एक मौत थी?नहीं. वैज्ञानिकों का मानना है कि ऐसी घटनाएं सिर्फ तारों को नहीं मारतीं, बल्कि पूरी आकाशगंगा के विकास को भी प्रभावित करती हैं. ब्लैक होल के आसपास बनती यह डिस्क और उससे निकलती ऊर्जा आकाशगंगा में मौजूद अन्य गैसों और तारों पर असर डालती हैं. इससे नई तारों के जन्म लेने की प्रक्रिया रुक सकती है या फिर तेज हो सकती है. इसलिए वैज्ञानिक इन TDEs को सिर्फ खगोलीय हादसे नहीं, बल्कि ‘गैलेक्सी इंजीनियर’ मानते हैं.इस बार की खोज क्यों खास है?AT 2022wtn में जो चीजें देखी गईं, वे अब तक के किसी भी TDE में इतनी साफ नहीं देखी गई थीं. इससे वैज्ञानिकों को पहली बार यह समझने का मौका मिला कि जब कोई तारा मरता है, तो किस तरह से उसकी रोशनी पैदा होती है और उसका मलबा कैसे फैलता है. इटली के नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर एस्ट्रोफिजिक्स (INAF) की फ्रांसेस्का ओनोरी, जो इस स्टडी की लीडर हैं, कहती हैं, ‘हमने पहली बार इतनी स्पष्टता से देखा कि डिस्क कैसे बनी और कैसे उससे मलबा बाहर निकला.’About the AuthorDeepak VermaDeepak Verma is a journalist currently employed as Deputy News Editor in News18 Hindi (Digital). Born and brought up in Lucknow, Deepak's journey began with print media and soon transitioned towards digital. He...और पढ़ेंDeepak Verma is a journalist currently employed as Deputy News Editor in News18 Hindi (Digital). Born and brought up in Lucknow, Deepak's journey began with print media and soon transitioned towards digital. He... और पढ़ेंhomeknowledgeसुपरमैसिव ब्लैक होल ने तारों को नोच डाला, ब्रह्मांड में दिखा तबाही का लाइव सीनऔर पढ़ें