Edited by:Sumit varmaLast Updated:June 02, 2025, 00:20 ISTIndore Cyber Crime News : इंदौर में साइबर ठगों ने पूर्व प्राचार्य नंदिनी चिपलुणकर से 1 करोड़ रुपये ठगने की कोशिश की. ठगों ने खुद को पुलिस या सरकारी एजेंसी का अधिकारी बताते हुए उन्हें बताया कि उनके नाम पर अलग-अल...और पढ़ेंइम्पैक्ट शॉर्ट्ससबसे बड़ी खबरों तक पहुंचने का आपका शॉर्टकटइंदौर पुलिस ने सीनियर सिटीजन पूर्व प्रिंसिपल से ठगी की कोशिश को नाकाम कर दिया.हाइलाइट्सपूर्व प्राचार्य नंदिनी चिपलुणकर से 1 करोड़ ठगने की कोशिशबैंक मैनेजर और पुलिस की सतर्कता से ठगी टलीठगों ने CBI का डर दिखाकर पैसे ट्रांसफर करने का दबाव बनायातुषार कंछलइंदौर. मिनी मुंबई कहे जाने वाले इंदौर शहर में ‘डिजिटल अरेस्ट’ जैसे साइबर फ्रॉड की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं, जहाँ ठग आमतौर पर वरिष्ठ नागरिकों को अपना निशाना बना रहे हैं. ऐसा ही एक और मामला सामने आया, जहाँ रविवार को शहर के वाय.एन. रोड निवासी एक पूर्व प्राचार्य नंदिनी चिपलुणकर (उम्र लगभग 70-75 वर्ष) को साइबर ठगों ने करीब 1 करोड़ रुपये की ठगी का शिकार बनाने की कोशिश की. हालांकि, बैंक कर्मियों और पुलिस की सक्रियता के चलते यह बड़ी ठगी की वारदात टल गई और महिला के करोड़ों रुपये सुरक्षित बच गए.दरअसल, वाय.एन. रोड निवासी पूर्व प्राचार्य नंदिनी चिपलुणकर को साइबर ठगों ने फोन किया. ठगों ने खुद को पुलिस या सरकारी एजेंसी का अधिकारी बताते हुए उन्हें बताया कि उनके नाम पर अलग-अलग थानों में FIR दर्ज हैं और उनका नाम मनी लॉन्ड्रिंग के एक बड़े केस में सामने आया है, जिसकी जांच CBI द्वारा की जा रही है. ठगों ने उन्हें विश्वास दिलाया कि यदि वे पैसे ट्रांसफर नहीं करेंगी तो उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा. ठगों ने नंदिनी चिपलुणकर से उनके सेविंग अकाउंट में जमा करीब 50 लाख रुपये और फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) में जमा 50 लाख रुपये, कुल 1 करोड़ रुपये की तुरंत डिमांड की. ठगों ने उन्हें बार-बार फोन कर डराया-धमकाया और पैसा ट्रांसफर करने का दबाव बनाया.बैंक मैनेजर की सूझबूझ और पुलिस की तत्परताठगों के लगातार दबाव में आकर, नंदिनी चिपलुणकर अपनी FD तुड़वाने और सेविंग अकाउंट से पैसे निकालने के लिए बैंक पहुँचीं. बैंक मैनेजर ने जब उनके चेहरे पर घबराहट और असामान्य व्यवहार देखा, तो उन्हें कुछ गड़बड़ी का आभास हुआ. मैनेजर ने तुरंत स्थिति को भांपते हुए महिला को सर्वर डाउन होने का हवाला दिया और उन्हें बाद में आने को कहा. इसी दौरान, बैंक मैनेजर ने बिना समय गंवाए मामले की जानकारी एडिशनल डीसीपी क्राइम ब्रांच राजेश दंडोतिया को दी. राजेश दंडोतिया ने तत्परता दिखाते हुए महिला के परिजनों से संपर्क किया और तुरंत पुलिस टीम के साथ महिला के पास पहुँचे. पुलिस और परिजनों ने मिलकर नंदिनी चिपलुणकर को काफी देर तक समझाया और उन्हें साइबर फ्रॉड के बारे में जागरूक किया.1 करोड़ रुपए दे दो तो नहीं होगी जेल काफी समझाने-बुझाने के बाद, नंदिनी चिपलुणकर ने पुलिस और परिजनों के सामने पूरे मामले का खुलासा किया. उन्होंने बताया कि ठगों ने उनसे करीब 1 करोड़ रुपये की डिमांड की थी और वह बैंक से पैसे मिलते ही उन्हें ट्रांसफर करने वाली थीं. एडिशनल डीसीपी क्राइम ब्रांच राजेश दंडोतिया ने बताया, “हमें बैंक से सूचना मिली थी कि एक बुजुर्ग महिला घबराई हुई लग रही हैं और बड़ी रकम निकालने आई हैं. संदेह होने पर हमने परिजनों से संपर्क किया और महिला को समझाया. उनकी सतर्कता से एक बड़ा फ्रॉड होने से बच गया.” वहीं, पीड़िता नंदिनी चिपलुणकर ने राहत की सांस लेते हुए बताया, “ठग लगातार मुझे डरा रहे थे कि मैं पुलिस केस में फँस गई हूँ और मुझे जेल हो जाएगी. मैं डर गई थी और पैसे देने को तैयार थी. पुलिस और बैंक ने मेरी जान बचाई.”भारत पाकिस्तान की ताज़ा खबरें News18 India पर देखेंhomemadhya-pradeshनिशाने पर है सीनियर सिटीजन, दिखाया CBI का डर, ऐसे बचे 1 करोड़ रुपएऔर पढ़ें