Written by:Saad OmarAgency:एजेंसियांLast Updated:June 02, 2025, 08:19 ISTCourt on Bulldozer Action : अवैध निर्माण को लेकर हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है. इस बिल्डिंग पर बुलडोजर चलने वाला था, लेकिन तभी बिल्डर ने सरकारी इंजीनियरों से मिलकर ऐसा खेल किया, जिसे जानकर हाईकोर्ट भी नाराज ...और पढ़ेंइम्पैक्ट शॉर्ट्ससबसे बड़ी खबरों तक पहुंचने का आपका शॉर्टकटकर्नाटक हाई कोर्ट ने बेंगलुरु के जेपी नगर स्थित नंजनदेश्वर में अवैध निर्माण मामले पर बड़ा फैसला सुनाया है.कर्नाटक हाई कोर्ट ने बेंगलुरु के जेपी नगर स्थित नंजनदेश्वर में अवैध निर्माण मामले पर बड़ा फैसला सुनाया है. कोर्ट ने यहां न सिर्फ उस इमारत को गिराने का आदेश दिया, बल्कि इसकी लागत BBMP (बृहत बेंगलुरु महानगर पालिका) के लापरवाह अधिकारियों से वसूलने को भी कहा है. जस्टिस संजय गौड़ा ने 26 अप्रैल को यह आदेश सुनाया, जो अब सामने आया है.दरअसल स्थानीय लोगों ने फरवरी 2020 में शिकायत की थी कि इलाके में एक रिहायशी इमारत बिना किसी मंजूर प्लान के बन रही है. BBMP के संयुक्त आयुक्त ने निरीक्षण के दौरान पुष्टि की कि निर्माण अवैध है और आश्वासन दिया कि इमारत गिराई जाएगी. हालांकि इसके बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई.इंजनीयिरों से मिलकर बिल्डर ने किया खेलटाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, बिल्डर ने BBMP इंजीनियरों से सांठगांठ कर 2021 की बिल्डिंग प्लान को पिछली तारीख में जारी कराया ताकि यह दिखाया जा सके कि निर्माण से पहले अनुमति ली गई थी. हालांकि एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) की जांच में इस फर्जीवाड़े की कलई खुल गई.यह भी पढ़ें- अब भारत से दया की भीख मांगेंगे शहबाज और मुनीर? पानी क्या रोका… पाकिस्तान में तो हाहाकार ही मच गया, मंडराया सबसे बड़ा संकटइसके कर्नाटक अपीलीय अधिकरण (KAT) ने भी इस भवन को गिराने का आदेश दिया, लेकिन BBMP ने फिर भी कोई कार्रवाई नहीं की. इसके उलट, बिल्डर ने वही फर्जी दस्तावेज लेकर हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया, लेकिन अदालत इस छलावे से प्रभावित नहीं हुआ.कोर्ट ने क्या कहा?हाई कोर्ट ने साफ कहा कि मार्च 6, 2021 को मंजूर की गई योजना और उससे पहले 28 फरवरी 2021 को हुए निरीक्षण की तारीख खुद इस सांठगांठ को उजागर करती है. जस्टिस संजय गौड़ा ने 26 अप्रैल के अपने आदेश में कहा कि जब संयुक्त आयुक्त ने स्थल निरीक्षण किया था, तब यह साफ हो चुका था कि भवन अवैध रूप से बन रहा है. इसके बावजूद, सहायक नगर नियोजन निदेशक (ADTP) ने 6 मार्च 2021 को भवन योजना को मंजूरी दी और 24 मार्च 2021 को निर्माण लाइसेंस भी जारी कर दिया.यह भी पढ़ें- इंडियन डेलिगेशन के खिलाफ ISI ने रची कैसी नई साजिश? ब्रिटेन ने कर दिया नाकामअदालत ने कहा कि यह दर्शाता है कि बिल्डर और संबंधित इंजीनियरों के बीच मिलीभगत थी. कोर्ट ने कर्नाटक नगर निगम अधिनियम की धारा 321-B का हवाला देते हुए साफ किया कि अगर किसी अवैध निर्माण को रोकने में BBMP के अधिकारी विफल रहते हैं, तो उन्हें दंडित किया जा सकता है. जितने अधिक उल्लंघन होंगे, जुर्माना उतना ही अधिक होगा.अब कोर्ट ने BBMP को सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं. इसमें न केवल अवैध मंजूरी देने वाले अधिकारियों की जांच शामिल है, बल्कि उनमें से जो रिटायर हो चुके हैं, उन्हें भी जवाबदेह ठहराने को कहा गया है. कोर्ट ने खास तौर से उस ADTP के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा है, जिसने 19 मार्च 2021 को आदेश पारित होने के बाद भी भवन योजना को मंजूरी दी थी. कोर्ट ने कहा कि इमारत को गिराने का पूरा खर्च इन अधिकारियों से वसूला जाए.About the AuthorSaad OmarAn accomplished digital Journalist with more than 13 years of experience in Journalism. Done Post Graduate in Journalism from Indian Institute of Mass Comunication, Delhi. After Working with PTI, NDTV and Aaj T...और पढ़ेंAn accomplished digital Journalist with more than 13 years of experience in Journalism. Done Post Graduate in Journalism from Indian Institute of Mass Comunication, Delhi. After Working with PTI, NDTV and Aaj T... और पढ़ेंभारत पाकिस्तान की ताज़ा खबरें News18 India पर देखेंhomenationबिल्डिंग पर चलने वाला था बुलडोजर, बिल्डर ने किया ऐसा खेला, कोर्ट का घूमा माथाऔर पढ़ें