भागदौड़ भरी लाइफस्टाइल, अनहेल्दी डाइट और स्ट्रेस के चलते आजकल कम उम्र में ही बालों का सफेद होना आम बात हो गई है। लड़के हों या लड़कियां, बहुत से लोग इस समस्या से परेशान रहते हैं। सफेद बालों को छुपाने के लिए लोग अक्सर हेयर डाई कराते हैं, लेकिन केमिकल युक्त डाई बालों को नुकसान भी पहुंचा सकती है। इंटरनेशनल जर्नल ऑफ इनोवेटिव रिसर्च इन मेडिकल साइंस (IJIRMS) में पब्लिश एक स्टडी के मुताबिक, बार-बार हेयर डाई का इस्तेमाल करने से बाल कमजोर हो सकते हैं और स्कैल्प पर खुजली, जलन या एलर्जी जैसी समस्याएं हो सकती हैं। हालांकि अगर सही तरीके और सावधानी के साथ हेयर डाई का इस्तेमाल किया जाए तो इन साइड इफेक्ट्स से बचा जा सकता है। तो चलिए, आज जरूरत की खबर में हम हेयर डाई करने के बारे में विस्तार से बात करेंगे। साथ ही जानेंगे कि- एक्सपर्ट: डॉ. शिवम गोयल, कंसल्टेंट डर्मेटोलॉजिस्ट और हेयर ट्रांसप्लांट स्पेशलिस्ट, जयपुर सवाल- हेयर डाई में कौन-कौन से केमिकल होते हैं? जवाब- हेयर डाई में कई अलग-अलग तरह के केमिकल्स का इस्तेमाल किया जाता है, जो बालों का रंग बदलने में मदद करते हैं। जैसेकि- अमोनिया: बालों की बाहरी लेयर (क्यूटिकल) को खोलता है ताकि डाई अंदर जा सके। हाइड्रोजन पेरोक्साइड: बालों का नेचुरल रंग हल्का करता है ताकि नया रंग उस पर चढ़ सके। PPD (पैराफेनिलीन डायमाइन): यह बालों को गहरा रंग देने वाला मुख्य एजेंट है। हालांकि कुछ लोगों को इससे एलर्जी हो सकती है। एल्कोहल: यह डाई को बालों पर ठीक से फैलाने में मदद करता है। फ्रेग्ररेंस: यह डाई में खुशबू लाने के लिए मिलाया जाता है। कंडीशनर और प्रिजर्वेटिव्स: ये बालों को सॉफ्ट बनाए रखने और डाई की शेल्फ लाइफ बढ़ाने के लिए मिलाए जाते हैं। इसके अलावा डाई में और भी कुछ केमिकल्स मिलाए जाते हैं। ध्यान रखें कि हर डाई में केमिकल्स की मात्रा अलग होती है। इसलिए इस्तेमाल से पहले लेबल जरूर पढ़ें। सवाल- बालों पर हेयर डाई का असर कितने दिनाें तक रहता है? जवाब- केमिकल स्ट्रक्चर और बालों पर पड़ने वाले प्रभाव के आधार पर हेयर डाई मुख्य रूप से तीन तरह की होती है। टेम्परेरी: यह डाई केवल बालों की बाहरी परत पर रंग छोड़ती है। आमतौर यह एक या दो बार शैंपू करने पर ही छूट जाती है। सेमी-परमानेंट: यह डाई बालों की क्यूटिकल लेयर में थोड़ी गहराई तक जाती है। इसका रंग आमतौर पर 5-10 बार बाल धोने तक बना रहता है। परमानेंट हेयर डाई: यह डाई बालों के अंदरूनी हिस्से में गहराई तक जाती है और केमिकल रिएक्शन के माध्यम से बालों के नेचुरल रंग को बदल देती है। इसका असर तब तक बना रहता है, जब तक नए बाल नहीं उगते हैं। सवाल- हेयर डाई कराने से क्या फायदे और नुकसान होते हैं? जवाब- हेयर डाई न केवल बालों का रंग बदलने का एक तरीका है, बल्कि यह लुक में नयापन और स्टाइल भी जोड़ता है। इससे सफेद बालों को आसानी से छुपाया जा सकता है, जिससे व्यक्ति ज्यादा यंग और आत्मविश्वास से भरा नजर आता है। हालांकि इसके कुछ साइड इफेक्ट्स भी हो सकते हैं। इसके केमिकल्स बालों की क्यूटिकल लेयर को खोल देते हैं, जिससे अंदर मौजूद नेचुरल प्रोटीन कमजोर हो सकता है। इससे बाल रूखे, बेजान और कमजोर होकर आसानी से टूट सकते हैं। इसके अलावा हेयर डाई स्कैल्प की नमी भी कम कर सकती है, जिससे खुजली, जलन या एलर्जी जैसी समस्याएं हो सकती हैं। नीचे दिए ग्राफिक से डाई के फायदे और नुकसान को समझिए- सवाल- हेयर डाई करते समय किस तरह की सावधानियां बरतनी जरूरी हैं? जवाब- हेयर डाई का इस्तेमाल करते समय कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए। इसे नीचे दिए ग्राफिक से समझिए- सवाल- हेयर डाई कितने दिनों के अंतराल पर करना चाहिए? जवाब- यह बालों की ग्रोथ और पहले लगे रंग की टिकाऊ क्षमता पर निर्भर करता है। आमतौर पर 4-6 हफ्तों के अंतर पर डाई दोहराई जाती है, जब नए बाल उग आते हैं या रंग हल्का पड़ने लगता है। लेकिन बहुत जल्दी-जल्दी डाई करने से बालों की नेचुरल मॉइश्चर और प्रोटीन कम हो सकते हैं, जिससे बाल कमजोर हो सकते हैं। इसलिए दो बार डाई के बीच कम-से-कम 1 महीने का गैप रखना चाहिए। सवाल- हेयर डाई खरीदते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए? जवाब- डर्मेटोलॉजिस्ट डॉ. शिवम गोयल बताते हैं कि हमेशा भरोसेमंद व प्रमाणित ब्रांड का चयन करें और पैक पर लिखे इंग्रेडिएंट्स को ध्यान से पढ़ें। अगर किसी खास केमिकल से एलर्जी है तो उससे बचकर रहें। चाहें तो हर्बल या नेचुरल डाई का विकल्प भी चुन सकते हैं। ये स्किन के लिए सुरक्षित होते हैं। हालांकि इनके रंग अधिक समय तक टिकते नहीं और इन्हें बार-बार लगाने की जरूरत पड़ सकती है। सवाल- हेयर डाई इस्तेमाल करने के बाद बालों की देखभाल कैसे करनी चाहिए? जवाब- इसके लिए कुछ बातों का विशेष ख्याल रखना जरूरी है। इसे नीचे दिए ग्राफिक से समझिए- सवाल- क्या घर पर भी नेचुरल हेयर डाई बनाई जा सकती है? जवाब- हां, घर पर नेचुरल हेयर डाई बनाना मुमकिन है। आजकल बहुत से लोग अपने बालों के लिए नेचुरल चीजों का इस्तेमाल करना पसंद करते हैं ताकि बालों को नुकसान न हो। बाजार में मिलने वाले हेयर डाई में कई तरह के केमिकल होते हैं, जो कुछ लोगों को नुकसान पहुंचा सकते हैं। लेकिन घर पर बनाई गई नेचुरल हेयर डाई से बालों को अच्छा रंग तो मिलता ही है, साथ ही बाल मजबूत और सेहतमंद भी रहते हैं। ………………… जरूरत की ये खबर भी पढ़िए जरूरत की खबर- हेयर ट्रांसप्लांट के बाद 2 की मौत: क्या ये सर्जरी वाकई सेफ, कब हो सकती है खतरनाक, ये 7 सावधानियां जरूरी उत्तर प्रदेश के कानपुर में हेयर ट्रांसप्लांट कराने के बाद एक इंजीनियर की मौत हो गई। मृतक की पत्नी ने आरोप लगाया है कि बिना उचित जांच और मेडिकल परामर्श के ट्रांसप्लांट किया गया था। इससे उसके पति के चेहरे पर सूजन आ गई थी। पूरी खबर पढ़िए...