Written by:Saad OmarAgency:एजेंसियांLast Updated:June 01, 2025, 06:50 ISTMonsoon Alert: देश में मानसून की शुरुआत में ही कर्नाटक में 71 और पूर्वोत्तर भारत में 31 लोगों की मौत हो चुकी है. भारी बारिश, बाढ़ और लैंडस्लाइड से देशभर में तबाही मची है. आपदा राहत बल राहत कार्यों में जुटे हैं....और पढ़ेंइम्पैक्ट शॉर्ट्ससबसे बड़ी खबरों तक पहुंचने का आपका शॉर्टकटदेश में मानसून को दस्तक दिए एक हफ्ते ही बीता है, लेकिन बारिश ने अभी से तबाही मचानी शुरू कर दी है.हाइलाइट्सकर्नाटक में भारी बारिश से 71 मौतें हुईं.पूर्वोत्तर भारत में 31 लोगों की जान गई.आपदा राहत बल राहत कार्यों में जुटे हैं.देश में मानसून को दस्तक दिए एक हफ्ते ही बीता है, लेकिन बारिश ने अभी से तबाही मचानी शुरू कर दी है. एक तरफ कर्नाटक में बीते दो महीनों में रिकॉर्ड तोड़ बारिश के चलते 71 लोगों की मौत हो गई है, वहीं पूर्वोत्तर भारत में सिर्फ 3 दिनों में 31 लोगों की जान चली गई. बंगाल की खाड़ी और अरब सागर दोनों से उठे मौसमी सिस्टम के कारण देश के कई हिस्सों में तेज बारिश, बाढ़, लैंडस्लाइड और बिजली गिरने जैसी घटनाएं सामने आई हैं. इन हादसों में जान-माल का भारी नुकसान हुआ है और आपदा राहत बल दिन-रात राहत व बचाव कार्यों में जुटे हुए हैं.यह देशव्यापी आपदा मानसून की गंभीर चेतावनी भी है, जिसे लेकर मौसम विभाग ने जून-सितंबर के लिए सामान्य से ज्यादा बारिश का अनुमान जताया है. आइए, 10 प्वाइंट्स में जानते हैं कि कैसे बारिश और बाढ़ ने पूरे देश में हाहाकार मचा रखा है…10 प्वाइंट्स में पढ़ें बारिश-बाढ़ का राष्ट्रीय संकटअप्रैल से मई तक राज्य में औसत से 197% अधिक बारिश हुई, जिससे अब तक 71 लोगों की मौत हो चुकी है. मई महीने में 125 वर्षों में सबसे अधिक प्री-मानसून बारिश दर्ज की गई.29 मई से अब तक पूर्वोत्तर भारत में भारी बारिश और भूस्खलन से 31 लोगों की मौत हो चुकी है. अकेले 31 मई को 22 मौतें दर्ज हुईं.सिर्फ अप्रैल-मई के बीच 48 लोग बिजली गिरने से मारे गए. इसके अलावा पेड़ गिरने, दीवार ढहने, डूबने और करंट लगने से भी जानें गईं.अरुणाचल प्रदेश के ईस्ट कामेंग जिले में एक ही परिवार के 7 लोगों की मौत हो गई. ज़ीरो-कामले रोड पर भी लैंडस्लाइड में 2 मजदूर मारे गए.असम के 11 जिलों में बाढ़ से 26,000 से ज्यादा लोग प्रभावित हैं. गोलाघाट जिले में 3 लोगों की मौत हो गई, जिसमें एक बच्चा भी शामिल है.कर्नाटक में 15,378 हेक्टेयर फसल बर्बाद हो चुकी है, जिसमें कृषि और बागवानी दोनों क्षेत्र शामिल हैं. मुआवजा वितरण की प्रक्रिया जारी है.राज्य में 702 पशुओं की मौत हुई है और 2,068 मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं. इनमें से ज़्यादातर मामलों में मुआवजा दिया जा चुका है.कर्नाटक के 14 बड़े जलाशयों में जल संग्रहण क्षमता का 35% पानी भर चुका है, जो पिछले साल इसी समय 20% था. भारी बारिश के चलते जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है.कर्नाटक में NDRF की 5 टीमें तैनात की गई हैं. पूर्वोत्तर राज्यों में भी SDRF, फायर ब्रिगेड और प्रशासन की टीमें राहत कार्यों में जुटी हैं.मौसम विभाग ने जून से सितंबर तक सामान्य से अधिक वर्षा का पूर्वानुमान दिया है. ऐसे में देश को और भी अधिक बारिश व आपदाओं का सामना करना पड़ सकता है.इस समय देश के कई हिस्से जल-प्रलय जैसी स्थिति से जूझ रहे हैं. बारिश और मानसून का यह रूप न सिर्फ मौसमीय असंतुलन की चेतावनी है, बल्कि यह आपदा प्रबंधन और पूर्व तैयारी की तत्काल आवश्यकता को भी रेखांकित करता है. सरकार और नागरिकों दोनों को मिलकर सतर्कता और सजगता के साथ आगे बढ़ने की जरूरत है.About the AuthorSaad OmarAn accomplished digital Journalist with more than 13 years of experience in Journalism. Done Post Graduate in Journalism from Indian Institute of Mass Comunication, Delhi. After Working with PTI, NDTV and Aaj T...और पढ़ेंAn accomplished digital Journalist with more than 13 years of experience in Journalism. Done Post Graduate in Journalism from Indian Institute of Mass Comunication, Delhi. After Working with PTI, NDTV and Aaj T... और पढ़ेंभारत पाकिस्तान की ताज़ा खबरें News18 India पर देखेंhomenationनॉर्थ ईस्ट में 31, कर्नाटक में 71 मौत... 10 प्वाइंट में बारिश-बाढ़ से तबाहीऔर पढ़ें