कविता का नया ऑफिस या नया दांव? पोस्टरों ने बता दिया लड़ाई लंबी है...

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Written by:Sumit KumarLast Updated:May 31, 2025, 20:35 ISTTelangana Politics: KCR की बेटी कविता ने नया ऑफिस खोलकर तेलंगाना की राजनीति में हलचल मचा दी है. BJP और कांग्रेस पर निशाना साधते हुए उन्होंने स्पष्ट किया कि वह KCR के साथ हैं और तेलंगाना की लड़ाई जारी रखेंगी. हा...और पढ़ेंइम्पैक्ट शॉर्ट्ससबसे बड़ी खबरों तक पहुंचने का आपका शॉर्टकटKCR की बेटी के कविता ने अपना नया ऑफिस खोला है. (फोटो News18)हाइलाइट्सकविता ने नया ऑफिस खोलकर तेलंगाना में हलचल मचाई.कविता ने BJP और कांग्रेस पर निशाना साधा.कविता ने KCR के साथ रहने का संकल्प दोहराया.न्यूज18 तेलुगुTelangana BRS Family Plotics: तेलंगाना में इन दिनों अगर कोई सबसे ज्यादा चर्चा में है तो वह हैं KCR की बेटी के कविता. उन्होंने अब नया दांव चल दिया है. उन्होंने न पार्टी का ऐलान किया न किसी नए मोर्चे की घोषणा की लेकिन फिर भी उनके नए ऑफिस की खबर ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है. सवाल उठ रहे हैं कि क्या कविता के कदम भविष्य की किसी बड़ी लड़ाई की तैयारी हैं? क्या वह KCR की गैर-मौजूदगी में तेलंगाना की राजनीतिक विरासत की अगली धुरी बनने की ओर बढ़ रही हैं?बीते दिनों कविता ने भारतीय जनता पार्टी पर तंज कसते हुए कहा था, “भगवान के बाद राक्षस होते हैं.” यह बयान जितना तीखा था उतना ही साफ भी कि वह BJP में शामिल होने के सारे कयासों को सिरे से खारिज कर रही हैं. उन्होंने साफ कहा, “मैं KCR की बेटी हूं और मेरे पास खोने के लिए बहुत कुछ है.” इस एक लाइन से उन्होंने भाजपा और कांग्रेस दोनों के लिए सियासी मुश्किलें खड़ी कर दी हैं.पढ़ें- BRS Family Drama: एक तरफ KCR, दूसरी ओर कविता, बीच में कहां फंस गए KTR, क्या तूफान से उबर पाएगी BRS?नया ऑफिस: एक रणनीतिक प्रतीकअब जब कविता ने अपना नया ऑफिस खोल लिया है तो सवाल उठता है कि यह ऑफिस महज एक दफ्तर है या राजनीतिक युद्ध का नया मोर्चा? अब तक वह तेलंगाना में अपनी पार्टी और एमएलसी के रूप में अधिकतर काम अपने घर से ही करती थीं. लेकिन अब उन्होंने यह संकेत दे दिया है कि वह तेलंगाना की असली लड़ाई को अलग रूप देने वाली हैं.ऑफिस की दीवारें भी बोलती हैंकविता के इस नए दफ्तर में लगे पोस्टर और तस्वीरें खुद में कई संदेश समेटे हुए हैं. कविता के ऑफिस में  तेलंगाना थल्ली, डॉ. बीआर अंबेडकर, जयशंकर सर, ज्योतिबा फुले और सावित्रीबाई फुले की तस्वीरों से स्पष्ट है कि वह सामाजिक न्याय और आत्म-सम्मान की राजनीति को आधार बना रही हैं.सबसे बड़ी बात है सामने की दीवार पर KCR की तस्वीर के साथ कविता की खुद की एक बड़ी तस्वीर लगी है. संदेश साफ है: “मेरे नेता KCR ही हैं, मैं उनके साथ हूं और रहूंगी. जब तक तेलंगाना को उसका हक नहीं मिल जाता तब तक लड़ती रहूंगी.”कांग्रेस बनाम कविताकविता के निशाने पर कांग्रेस भी है. वह इसे लेकर मुखर हैं कि कांग्रेस सरकार तेलंगाना के मुद्दों पर झूठा प्रचार कर रही है और अब वह अपने इस नए कार्यालय से राज्यभर में जन-जागरूकता अभियान चलाएंगी. KCR को किनारे करने की किसी भी कोशिश का वह खुलकर विरोध करेंगी.क्या आने वाले हैं और झटके?राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो कविता इस वक्त न तो पार्टी बना रही हैं न ही विपक्ष में शामिल हो रही हैं. लेकिन वह दोनों के लिए अप्रत्याशित झटके तैयार कर रही हैं. भाजपा जहां असमंजस में है कि वह कविता को दोस्त माने या प्रतिद्वंद्वी. वहीं कांग्रेस को डर है कि उनके फैलाए नैरेटिव को कविता नए सिरे से ध्वस्त कर सकती हैं.About the AuthorSumit KumarSumit Kumar is working as Senior Sub Editor in News18 Hindi. He has been associated with the Central Desk team here for the last 3 years. He has a Master's degree in Journalism. Before working in News18 Hindi, ...और पढ़ेंSumit Kumar is working as Senior Sub Editor in News18 Hindi. He has been associated with the Central Desk team here for the last 3 years. He has a Master's degree in Journalism. Before working in News18 Hindi, ... और पढ़ेंभारत पाकिस्तान की ताज़ा खबरें News18 India पर देखेंhomenationकविता का नया ऑफिस या नया दांव? पोस्टरों ने बता दिया लड़ाई लंबी है...और पढ़ें