पुतिन के डर से कांपा ब्रिटेन, US से मांगने लगा परमाणु हमले वाले फाइटर जेट

Wait 5 sec.

Written by:Sumit KumarAgency:एजेंसियांLast Updated:June 01, 2025, 22:03 ISTBritain News in Hindi: रूस से बढ़ते खतरे के बीच ब्रिटेन अब अमेरिकी न्यूक्लियर फाइटर जेट्स खरीदने की तैयारी में है. यह पहली बार होगा जब UK, पनडुब्बियों के अलावा हवा से भी परमाणु हमला कर सकेगा. यह कदम दुनिया को त...और पढ़ेंइम्पैक्ट शॉर्ट्ससबसे बड़ी खबरों तक पहुंचने का आपका शॉर्टकटब्रिटेन सरकार अमेरिका से परमाणु बम गिराने में सक्षम लड़ाकू विमान खरीदने की योजना बना रही है. (फाइल फोटो Reuters)हाइलाइट्सब्रिटेन अमेरिका से न्यूक्लियर फाइटर जेट्स खरीदने की तैयारी में है.ब्रिटेन की न्यूक्लियर रणनीति में बड़ा बदलाव किया गया है.ब्रिटेन 2034 तक रक्षा बजट को GDP का 3% तक बढ़ाना चाहता है.लंदन/वॉशिंगटन: रूस और यूक्रेन की जंग अब सिर्फ दो देशों के बीच नहीं रह गई है. यह वैश्विक सुरक्षा के लिए खतरे की घंटी बन गई है. तनाव के बीच ब्रिटेन ने शीत युद्ध के बाद पहली बार अपनी न्यूक्लियर रणनीति में बड़ा बदलाव किया है. ब्रिटेन की सरकार अब अमेरिका से ऐसे लड़ाकू विमान खरीदने की योजना बना रही है जो परमाणु बम गिरा सकें.यानी अब सिर्फ पनडुब्बी नहीं हवा से भी होगा ‘न्यूक्लियर रिटालिएशन’ का वार. ब्रिटेन का मानना है कि दुनिया एक “तीसरे परमाणु युग” में दाखिल हो चुकी है और ऐसे में केवल पनडुब्बी के भरोसे बैठना अब सुरक्षित नहीं है.पढ़ें- Explainer: यूक्रेन ने रूस के 2000 KM अंदर घुसकर कैसे उड़ा दिए 40 लड़ाकू विमान? भारत ने पहले ही समझ लिया था ‘नई जंग’ का फॉर्मूला!क्यों कर रहा है ब्रिटेन ऐसा फैसला?ब्रिटेन के रक्षा सचिव जॉन हीली और चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ एडमिरल टोनी रडाकिन ने अमेरिका से F-35A लाइटनिंग II जैसे फाइटर जेट्स की मांग की है. ये B61 थर्मोन्यूक्लियर बम ले जा सकते हैं. खास बात ये है कि इन बमों की ताकत पारंपरिक परमाणु हथियारों से कम होती है. इससे लक्ष्य पर सटीक प्रहार संभव है.इस फैसले के पीछे साफ संदेश है कि पुतिन की आक्रामक नीति और चीन, उत्तर कोरिया, ईरान जैसे देशों की अस्थिरता दुनिया को फिर से एक खतरनाक मोड़ पर ले आई है. ब्रिटेन अब सिर्फ अमेरिका की ‘परमाणु छतरी’ के नीचे नहीं रहना चाहता बल्कि खुद को भी ‘हवाई परमाणु ताकत’ बनाना चाहता है.फिलहाल क्या है ब्रिटेन के पास?वर्तमान में ब्रिटेन के पास केवल ट्राइडेंट-मिसाइल से लैस पनडुब्बियां हैं जिनसे परमाणु हमला संभव है. उसके पास अमेरिका, रूस, चीन, भारत और फ्रांस जैसी ‘त्रिस्तरीय’ (जल, थल, नभ) परमाणु हमला क्षमता नहीं है. अगर यह डील पक्की होती है तो ब्रिटेन की हवाई क्षमता में बड़ा बदलाव आएगा. यानी अगर जरूरत पड़ी तो पनडुब्बियों से पहले लड़ाकू विमान दुश्मन पर ‘परमाणु जवाबी हमला’ कर सकेंगे.क्या यह यूक्रेन युद्ध को और उग्र बना देगा?विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम रूस को और अधिक उत्तेजित कर सकता है. हालांकि ब्रिटेन का दावा है कि यह पूरी तरह से “रोकथाम” के मकसद से है. फ्रांस पहले ही यूरोप में अपने परमाणु हथियार तैनात करने की बात कर चुका है. इसे जर्मनी का समर्थन भी मिला है.2034 तक बड़ा डिफेंस बजटब्रिटेन सरकार 2034 तक अपने रक्षा बजट को GDP का 3% तक बढ़ाना चाहती है (अभी यह करीब 2.5% है). इसके तहत 7,000 लॉन्ग-रेंज हथियारों के निर्माण का लक्ष्य भी रखा गया है. यानी ब्रिटेन अब केवल “रिएक्टिव” नहीं, बल्कि “प्रोएक्टिव” रणनीति पर चलने वाला है.About the AuthorSumit KumarSumit Kumar is working as Senior Sub Editor in News18 Hindi. He has been associated with the Central Desk team here for the last 3 years. He has a Master's degree in Journalism. Before working in News18 Hindi, ...और पढ़ेंSumit Kumar is working as Senior Sub Editor in News18 Hindi. He has been associated with the Central Desk team here for the last 3 years. He has a Master's degree in Journalism. Before working in News18 Hindi, ... और पढ़ेंभारत पाकिस्तान की ताज़ा खबरें News18 India पर देखेंhomeworldपुतिन के डर से कांपा ब्रिटेन, US से मांगने लगा परमाणु हमले वाले फाइटर जेटऔर पढ़ें