अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने शुक्रवार को कहा कि पाकिस्तान के अधिकारी अगले हफ्ते अमेरिका आ रहे हैं। इस दौरान दोनों देशों के बीच टैरिफ को लेकर बातचीत होगी। अमेरिका ने पिछले महीने कई देशों पर टैरिफ लगाने की घोषणा की थी। डोनाल्ड ट्रम्प ने उन देशों पर टैरिफ लगा दिया है जिनके साथ अमेरिका का व्यापार घाटा है। इसका मकसद अमेरिकी उद्योगों को संरक्षण देना और व्यापार संतुलन को ठीक करना है। ऐसे में पाकिस्तान को अमेरिका को निर्यात किए जाने वाले सामान पर लगभग 29% टैरिफ चुकाना पड़ सकता है। पाकिस्तान ने साल 2024 में अमेरिका को 5.1 बिलियन डॉलर का सामान बेचा, जबकि अमेरिका से 2.1 बिलियन का सामान खरीदा। इससे अमेरिका का पाकिस्तान का व्यापार घाटा 3 बिलियन डॉलर का है। ट्रम्प ने यह भी कहा कि अमेरिका भारत के साथ व्यापार समझौते के बहुत करीब है। भारत के व्यापार मंत्री पीयूष गोयल हाल ही में अमेरिका गए थे ताकि बातचीत को आगे बढ़ाया जा सके। दोनों देश जुलाई की शुरुआत तक एक अंतरिम समझौते पर दस्तखत करने की कोशिश कर रहे हैं। भारत से अमेरिका को भेजे जाने वाले सामान पर अमेरिका ने 26% टैरिफ लगाया था। अंतरराष्ट्रीय मामलों से जुड़ी यह खबरें भी पढ़ें... शशि थरूर की आपत्ति के बाद कोलंबिया ने पाकिस्तान में हुई मौतों पर संवेदन जताने वाला बयान वापस लिया कोलंबिया ने पाकिस्तान को लेकर दिया गया अपना पुराना बयान वापस ले लिया है। मध्य अमेरिकी देश ने ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान में हुई मौतों पर संवेदना जाहिर की थी। कांग्रेस सांसद शशि थरूर, जो अमेरिका जा रहे एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल की अगुवाई कर रहे हैं, उन्होंने कोलंबिया की राजधानी बोगोटा में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान इस मुद्दे पर अपनी नाराजगी जाहिर की। थरूर ने कहा कि कोलंबिया को आतंकवाद के पीड़ितों की बजाय पाकिस्तान के प्रति सहानुभूति नहीं दिखानी चाहिए थी। उन्होंने साफ किया कि भारत केवल आत्मरक्षा कर रहा है और आतंकवादियों को भेजने वालों और उनसे लड़ने वालों को एक जैसा नहीं देखा जा सकता। भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने कोलंबिया के उप विदेश मंत्री रोजा योलांडा विलाविसेनियो से मुलाकात की और भारत की स्थिति को साफ-साफ समझाया। इसके बाद कोलंबिया ने अपना पुराना बयान वापस ले लिया। थरूर ने बताया कि कोलंबिया ने यह माना कि उन्होंने गलती से वह बयान दिया था और अब वे भारत की स्थिति को पूरी तरह समझते हैं। थरूर ने कोलंबिया के इस रुख की सराहना की और इसे भारत के लिए एक अहम सफलता बताया। रूस बोला- भारत पर दबाव बना रहे QUAD देश, सैन्य गठबंधन में शामिल करने की कोशिश रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने क्वाड समूह को लेकर एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि भारत इस समूह में केवल व्यापार के मकसद से शामिल हुआ था, लेकिन अब बाकी देश, खासकर अमेरिका, भारत पर दबाव बना रहे हैं कि वह इसे सैन्य गठबंधन में बदलने में मदद करे। क्वाड एक चार देशों का समूह है, जिसमें भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया शामिल हैं। लावरोव का कहना है कि ये देश अब साथ मिलकर नौसैनिक और सैन्य अभ्यास कर रहे हैं, जिससे यह सिर्फ व्यापार तक सीमित नहीं रह गया है। भारत ने अभी तक रूस के इस बयान पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। चीन पहले से ही क्वाड को एक ऐसा समूह मानता है जो उसके खिलाफ काम कर रहा है। बीच का रास्ता ला सकते हैं ट्रम्प, 150 दिन तक 15% टैरिफ ट्रम्प प्रशासन टैरिफ जारी रखने के लिए प्लान बी पर काम कर रहा है। ट्रेड एक्ट 1974 की धारा 122 के तहत 150 दिनों के लिए 15% का अस्थायी टैरिफ लगाया जाएगा। इसके बाद, सेक्शन 301 के तहत लंबे समय के लिए टैरिफ लगाए जाएंगे। वाइट हाउस के प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने कहा है कि वे कोर्ट के फैसले के खिलाफ अपील करते हुए नए कानूनी रास्ते तलाश रहे हैं। वरिष्ठ ट्रेड सलाहकार पीटर नवारो ने भी दोचरण वाली योजना की बात स्वीकार की।विशेषज्ञों के मुताबिक, प्लान बी ज्यादा सुरक्षित है। 30 मई के वर्ल्ड अपडेट्स यहां पढ़ें...