महेश नवमी कब है? रवि योग में होगी पूजा, जानें मुहूर्त, महत्व

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Written by:कार्तिकेय तिवारीLast Updated:May 31, 2025, 08:02 ISTMahesh Navami 2025 Date: ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को महेश नवमी मनाई जाती है. इस बार महेश नवमी पर 3 शुभ योग बनेंगे, जिसमें रवि योग में पूजा की जाएगी. आइए जानते हैं कि महेश नवमी कब है? पूजा मुहूर्त ...और पढ़ेंइम्पैक्ट शॉर्ट्ससबसे बड़ी खबरों तक पहुंचने का आपका शॉर्टकटमहेश नवमी 2025 तारीख और मुहूर्त.हाइलाइट्समहेश नवमी ज्येष्ठ शुक्ल नवमी तिथि को मनाई जाती है.ज्येष्ठ शुक्ल नवमी तिथि 3 जून को रात 9 बजकर 56 मिनट पर प्रारंभ होगी.महेश नवमी पर रवि योग पूरे दिन है.हिंदू कैलेंडर के अनुसार, महेश नवमी हर साल ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को मनाई जाती है. इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा का विधान है. इस साल महेश नवमी के दिन 3 शुभ योग बन रहे हैं. रवि योग और सर्वार्थ सिद्धि योग की वजह से यह दिन और भी विशेष बन जााएगा. इन योगों में किए गए पूजा, पाठ, जप, तप आदि का शुभ फल प्राप्त होगा. हालांकि महेश नवमी के दिन अभिजीत मुहूर्त नहीं प्राप्त हो रहा है. उज्जैन के महर्षि पाणिनि संस्कृत एवं वैदिक विश्वविद्यालय के ज्योतिषाचार्य डॉ. मृत्युञ्जय तिवारी से जानते हैं कि महेश नवमी कब है? महेश नवमी का मुहूर्त, शुभ योग और महत्व क्या है?महेश नवमी 2025 तारीखदृक पंचांग के अनुसार, महेश नवमी के लिए आवश्यक ज्येष्ठ शुक्ल नवमी तिथि 3 जून को रात 9 बजकर 56 मिनट पर प्रारंभ होगी. इस तिथि का समापन 4 जून को रात 11 बजकर 54 मिनट पर होगा. उदयातिथि के आधार पर महेश नवमी 4 जून दिन बुधवार को मनाई जाएगी.3 शुभ योग में महेश नवमी 2025ज्योतिषाचार्य डॉ. तिवारी के अनुसार, इस बार की महेश नवमी पर 3 शुभ योग बन रहे हैं. सबसे पहले बात करते हैं रवि योग की. महेश नवमी पर रवि योग पूरे दिन है. वहीं सिद्धि योग सुबह में 8 बजकर 29 मिनट से प्रारंभ होगा, जो उसके बाद पूरे दिन है. उससे पहले वज्र योग होगा.ये भी पढ़ें: कब है गंगा दशहरा, निर्जला एकादशी, मिथुन संक्रांति, जगन्नाथ रथयात्रा? देखें जून का व्रत-त्योहार कैलेंडरनवमी तिथि में सर्वार्थ सिद्धि योग 5 जून को तड़के 03 बजकर 35 मिनट से प्रात: 05 बजकर 23 मिनट तक रहेगा. उस दिन उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र प्रात:काल से लेकर 5 जून को तड़के 03 बजकर 35 मिनट तक है, उसके बाद से हस्त नक्षत्र है.महेश नवमी 2025 मुहूर्तमहेश नवमी के दिन ब्रह्म मुहूर्त 04:02 ए एम से 04:43 ए एम तक है. इस समय में स्नान और दान उत्तम माना जाता है. विजय मुहूर्त दोपहर में 02 बजकर 38 मिनट से 03 बजकर 34 मिनट तक है. नवमी का निशिता मुहूर्त रात में 11 बजकर 59 मिनट से देर रात 12 बजकर 40 मिनट तक है. महेश नवमी पर पूरे दिन रवि योग बना है, ऐसे में आप सूर्योदय 05:23 ए एम से पूजा पाठ प्रारंभ कर सकते हैं. वैसे भी भगवान भोलेनाथ की पूजा में मुहूर्त देखने की जरूरत नहीं होते हैं क्योंकि वे स्वयं काल से परे हैं.ये भी पढ़ें: 6 जून को होगा बुध गोचर, इन 5 राशिवालों के खुलेंगे उन्नति के द्वार, बुद्धि, धन-संपत्ति में होगा इजाफा!महेश नवमी का महत्वलोकमान्यताओं के अनुसार, ज्येष्ठ शुक्ल नवमी तिथि को माहेश्वरी समाज अस्तित्व में आया था. ऐसी मान्यता है कि ज्येष्ठ शुक्ल नवमी तिथि को भगवान महेश्वर यानि शिव की कृपा से माहेश्वरी समाज के पूर्वज ऋषियों के श्राप से मुक्त हुए थे और नया जीवन प्राप्त किया था.इस कारण से ज्येष्ठ शुक्ल नवमी तिथि को महेश नवमी मनाई जाने लगी. इस दिन माहेश्वरी समाज के लोग भगवन​ शिव और माता पार्वती की पूजा करते हैं. अपने मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए प्रार्थना करते हैं और लोगों को शुभकामनाएं देते हैं. माहेश्वरी समाज भगवान शिव को अपना कुल देवता मानता है. शिव आज्ञा से यह समाज क्षत्रिय कर्म छोड़कर वैश्य हो गया.About the Authorकार्तिकेय तिवारीकार्तिकेय तिवारी Hindi News18 Digital में Deputy News Editor के पद पर कार्यरत हैं. वर्तमान में धर्म, ज्योतिष, वास्तु और फेंगशुई से जुड़ी खबरों पर काम करते हैं. पत्रकारिता में 12 वर्षों का अनुभव है. डिजिटल पत्रक...और पढ़ेंकार्तिकेय तिवारी Hindi News18 Digital में Deputy News Editor के पद पर कार्यरत हैं. वर्तमान में धर्म, ज्योतिष, वास्तु और फेंगशुई से जुड़ी खबरों पर काम करते हैं. पत्रकारिता में 12 वर्षों का अनुभव है. डिजिटल पत्रक... और पढ़ेंhomedharmमहेश नवमी कब है? रवि योग में होगी पूजा, जानें मुहूर्त, महत्वऔर पढ़ें