Reported by:हिमानी चंदनाTranslated by:Shankar PanditAgency:News18IndiaLast Updated:May 30, 2025, 08:41 ISTCoronavirus Covid 19 cases in India: कोरोना वायरस का कहर अब बढ़ रहा है. अस्पतालों की ओपीडी में लगातार मरीज आ रहे हैं. मरीजों का इलाज कर रहे विशेषज्ञों के अनुसार, इस मौजूदा लहर में अधिकांश व्यक्तियों में संक्रमण...और पढ़ेंइम्पैक्ट शॉर्ट्ससबसे बड़ी खबरों तक पहुंचने का आपका शॉर्टकटअस्पतालों में कोरोना के मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है. (फाइल फोटो)हाइलाइट्सभारत में कोरोना के केस तेजी से बढ़ रहे हैंअस्पतालों की ओपीडी में मरीजों की संख्या बढ़ीकोविड के लक्षणों में बुखार, गले में खराश, दस्त शामिलभारत में कोरोना अब अपने पांव तेजी से पसार रहा है. हर दिन कोरोना के केस बढ़ रहे हैं. भारत के अस्पतालो में कोरोना मरीजों की भीड़ बढ़ रही है. अस्पतालों की ओपीडी में कोविड-19 के सबसे आम लक्षणों में आवाज में खराश, गले में दर्द, दस्त, हल्के पेट में ऐंठन और बुखार शामिल हैं. हालांकि, अस्पतालों में कोविड-19 के कारण आईसीयू में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या में कोई अहम इजाफा नहीं देखा जा रहा है, लेकिन ओपीडी में मरीजों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हुई है. पिछले 10 दिनों में मरीजों की संख्या तीन से चार गुना बढ़ गई है, जो कोरोना के मामलों में बढ़ेतरी के संकेत देती है.मौजूदा वक्त में कोरोना के दो वेरिएंट के केस आ रहे हैं. JN.1, NB.1.8.1, और LF.7. ये दोनों ओमिक्रॉन के सब वैरिएंट हैं. ये दोनों वैरिएंट हाई ट्रांसिसिबिलिटी वाले हैं लेकिन इसके लक्षण हल्के होते हैं. मधुमेह, पुरानी श्वसन बीमारियों या कमजोर प्रतिरक्षा वाले व्यक्तियों, बुजुर्गों और छोटे बच्चों को इससे अधिक जोखिम हो सकता है.फरीदाबाद स्थित अमृता अस्पताल में पल्मोनरी, क्रिटिकल केयर और स्लीप मेडिसिन के सीनियर कंसल्टेंट प्रदीप बाजाद ने न्यूज18 को बताया, ‘वर्तमान में हम कोविड-19 के कारण आईसीयू में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या में अधिक इजाफा नहीं देख रहे हैं. हालांकि, ओपीडी में मरीजों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हो रही है. पिछले 10 दिनों में मरीजों की संख्या लगभग तीन से चार गुना बढ़ गई है. विशेष रूप से मौजूदा पहले से किसी रोग वाले व्यक्तियों, सीनियर नागरिकों और छोटे बच्चों के माता-पिता में घबराहट और स्वास्थ्य सतर्कता की भावना बढ़ गई है.’अस्पतालों की ओपीडी में रिपोर्ट किए जा रहे सामान्य लक्षणों में लगातार बुखार, सूखी या परेशान करने वाली खांसी, आवाज में खराश, नाक बंद या हल्की बहती नाक, थकान और मांसपेशियों में दर्द, सिरदर्द, हल्के गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल लक्षण जैसे मतली या दस्त, और गले में असुविधा या गले में खराश शामिल हैं. कोरोना के अधिकांश मामलों में बुखार कुछ दिनों तक रहता है. विभिन्न ऊपरी श्वसन लक्षण, जैसे आवाज में खराश और गले में दर्द, भी एक या दो दिनों में ठीक हो जाते हैं.फोर्टिस अस्पताल मुलुंड के क्रिटिकल केयर निदेशक डॉ. चारुदत्त वैटी ने बताया कि कुछ लोग आवाज में खराश या आवाज खोने की शिकायत भी कर रहे हैं. हालांकि, उन्होंने कहा कि कोविड-19 की पहले की लहरों से जुड़े सामान्य लक्षण, जैसे गंध और स्वाद खोना, अब आम नहीं हैं. वहीं, इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल के सीनियर कंसल्टेंट, इंटरनल मेडिसिन के डॉ. सुरंजीत चटर्जी के अनुसार, अधिकांश मामलों में बीमारी मौसमी वायरल संक्रमण जैसी होती है.डॉ. चटर्जी ने बुखार, गले में खराश और ऊपरी श्वसन लक्षणों के लिए ओपीडी परामर्श में मामूली वृद्धि देखी है, लेकिन उनका मानना है कि ये ज्यादातर सामान्य और लक्षणात्मक उपचार से ठीक हो जाते हैं. इसलिए इस समय चिंता का कोई कारण नहीं है, लेकिन हम स्थिति की बारीकी से निगरानी कर रहे हैं.’क्या-क्या लक्षणअब तक के सबसे आम लक्षणों में से एक है दर्द रहित, पानी जैसा दस्त. डॉ. चटर्जी ने कहा, ‘कई लोग दस्त की शिकायत लेकर आ रहे हैं. एक या दो दिनों के लिए दर्द रहित, पानी जैसा मल और उसके बाद गंभीर थकान या कमजोरी. अस्पताल से छुट्टी के बाद थकान हफ्तों तक बनी रह सकती है. इसलिए किसी भी मरीज में अस्पष्ट दस्त होने पर कोविड-19 की जांच करें.’इसी तरह कोलकाता के सीएमआरआई अस्पताल के सलाहकार पल्मोनोलॉजिस्ट डॉ. अरूप हलदर ने News18 को बताया कि इस बार कुछ गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल लक्षण देखे गए हैं, जैसे ढीला मल, मतली या हल्के पेट में ऐंठन, विशेष रूप से युवा मरीजों में. अधिकांश मामलों में ये लक्षण गंभीर नहीं होते हैं, और बड़ी संख्या में मरीज बिना अस्पताल में भर्ती हुए घर पर ठीक हो सकते हैं.मरीज में और क्या शिकायतफोर्टिस हॉस्पिटल के डॉ. वैटी ने News18 को बताया कि उन्होंने हल्के गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल लक्षणों, जैसे दस्त और मतली की शिकायत करने वाले मरीजों को देखा है. अस्पतालों की ओपीडी और भर्ती में मरीजों का इलाज कर रहे विशेषज्ञों के अनुसार, इस मौजूदा लहर में अधिकांश व्यक्तियों में संक्रमण के बाद ठीक होने की अवधि काफी कम है.कोलकाता के डॉ. हलदर ने कहा, ‘कई लोग तीसरे या चौथे दिन तक बेहतर महसूस करते हैं. बुजुर्ग लोग या गंभीर बीमारियों वाले लोग पूरी तरह से ठीक होने में थोड़ा अधिक समय ले सकते हैं. इस बीच इस समूह में भी हम पहले की महामारी के चरणों की तरह लंबे समय तक बीमारी या पुरानी जटिलताओं को नहीं देख रहे हैं. वर्तमान में आईसीयू में कोविड से संबंधित जटिलताओं वाले कोई मरीज नहीं हैं.कितने दिन में ठीक हो रहे मरीजहालांकि, उन्होंने कहा कि बुखार और सर्दी जैसे लक्षणों वाले लोगों के लिए ओपीडी परामर्श बढ़ गए हैं. कुल मिलाकर अधिकांश व्यक्तियों को ठीक होने में चार से सात दिन लगते हैं. मरीज आमतौर पर घर पर पर्याप्त आराम, हाइड्रेशन और बुखार और दर्द राहत के लिए पैरासिटामोल जैसी ओवर-द-काउंटर दवाओं के साथ अपने लक्षणों का प्रबंधन कर सकते हैं.कितना डरने की जरूरतविशेषज्ञों ने न्यूज18 को बताया कि अब तक देखे गए अधिकांश मामलों में एंटीवायरल दवाओं या अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता नहीं है. इसका मतलब है कि अभी फैल रहा कोरोना वायरस का स्ट्रेन बहुत खतरनाक नहीं है. हालांकि, पहले से रोग वाले व्यक्तियों, बुजुर्गों और कमजोर प्रतिरक्षा वाले लोगों को बुनियादी स्वच्छता प्रथाओं को बनाए रखने, भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में मास्क पहनने और फ्लू जैसे लक्षणों को नजरअंदाज न करने के लिए सावधानी बरतनी चाहिए.भारत पाकिस्तान की ताज़ा खबरें News18 India पर देखेंhomenationखांसी, दस्त और बुखार...कोरोना फिर मचा रहा हाहाकार, अस्पतालों में बढ़ रहे मरीजऔर पढ़ें