Written by:yamini singhAgency:News18IndiaLast Updated:May 30, 2025, 13:35 ISTजयपुर सेंट्रल जेल से इलाज का नाम लेकर होटल में अय्याशी करते पकड़े गए 4 कैदियों ने कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं. कैदी डॉक्टर की रेफर पर्ची लेकर एसएमएस हॉस्पिटल में इलाज के बहाने बाहर निकले थे और मौज-मस्ती करते...और पढ़ेंइम्पैक्ट शॉर्ट्ससबसे बड़ी खबरों तक पहुंचने का आपका शॉर्टकट5 स्टार होटल में कैदियों के मजेहाइलाइट्सगर्लफ्रेंड ने बुक कराया 5 स्टार होटल का रूम20-20 हजार देकर रेफर पर्ची बनवाईडॉक्टर से लेकर पुलिसकर्मी बने मददगारजयपुर: आपको और हमें लगता है कि जेल अपराधियों को सजा और सबक सिखाने की जगह है, लेकिन राजस्थान की जयपुर सेंट्रल जेल में तो सजा अपराधियों के लिए मजा बन गई. आज हम आपको एक ऐसे हकीकत बताने जा रहे जो सुनने में तो फिल्म कहानी लगेगा, लेकिन ये है हकीकत. मामला 24 मई राजस्थान की जयपुर सेंट्रल जेल का है. सवाई मान सिंह अस्पताल के इलाके में मौजूद थाने के SHO को एक मुखबिर ने बेहद खास सूचना दी. सूचना यह थी कि जयपुर सेंट्रल जेल से चार कैदियों को इलाज के नाम पर अस्पताल लाया गया है, लेकिन यह सब एक बहाना है असल योजना उन्हें अस्पताल से भगाने की है. यह सुनते ही पुलिस हरकत में आ गई, क्योंकि अगर यह सच होता, तो यह एक बड़ा ‘जेल ब्रेक’ केस बन सकता था.लिहाजा, फौरन SMS थाने की टीम अस्पताल पहुंची और जैसी कि खबर थी, मामला वैसा ही निकला. सचमुच अस्पताल के ओपीडी से लेकर पूरे अस्पताल के आहाते में कहीं भी वो चार कैदी नहीं मिले, जिनके बारे में पुलिस को मुखबिर ने खबर दी थी. खास बात ये रही कि कैदियों के साथ-साथ वो पांच पुलिस वाले भी गायब थे, जिन पर इन कैदियों की निगरानी और फिर उन्हें वापस जेल पहुंचाने की जिम्मेदारी थी. लेकिन अस्पताल में पुलिस की वो गाड़ी खड़ी मिल गई, जिस गाड़ी में कैदियों को अस्पताल लाया गया था.मामला तो गर्लफ्रेंड का थाअब पुलिस ने फरार कैदियों और पुलिस वालों की लोकेशन पता करने के लिए पूरी ताकत लगा दी. लेकिन यहां तो मामला कुछ और ही था. कैदी तो बड़े-बड़े होटलों में मौज मस्ती कर रहे थे. पुलिस को जानकारी मिलते ही टीम एक्टिव हुई और अलग-अलग होटलों पर छापेमारी की गई. नतीजा चौंकाने वाला था कैदी किसी अस्पताल में नहीं बल्कि लग्जरी होटलों में आराम फरमा रहे थे. पुलिस की जांच में यह बात सामने आई कि कैदी अंकित बंसल और करण गुप्ता टोंक रोड स्थित जयपुर के एक फाइव स्टार होटल बेला कासा में रुके हुए थे. मौज मस्ती में लीन थे कैदीयह होटल पहले से ही अंकित की गर्लफ्रेंड ने बुक करा रखा था और वहां शराब पार्टी का भी इंतजाम किया गया था. वहीं, कैदी रफीक और भंवर लाल यादव होटल सिद्धार्थ में रुके थे. पुलिस ने जब दबिश दी तो सभी कैदी मौज मस्ती में लीन मिले. उनके साथ चालानी गार्ड यानी पुलिस लाइन के कांस्टेबल भी थे, जो उन्हें अस्पताल ले जाने की जिम्मेदारी में थे.5 स्टार होटल में कैदियों के मजेकैसे चलता था यह ‘बिजनेस’?इस पूरे नेटवर्क को एक कैदी आनंदीलाल उर्फ आनंदी चला रहा था. आनंदी ने जेल अस्पताल के सिस्टम में सेंध लगाकर एक खास ‘सर्विस’ शुरू कर रखी थी. कैदी अगर 20,000 रुपये दे दें, तो वह उन्हें SMS अस्पताल रेफर करवा देता था. इस ‘सुविधा’ के लिए जेल स्टाफ और डॉक्टरों से मिलकर फर्जी पर्ची बनवा दी जाती थी. कैदी फिर सीधे अस्पताल की जगह होटल पहुंच जाते और वहां अपना वेकेशन मनाते.आनंदी सिर्फ उन्हीं कैदियों को यह ‘सुविधा’ देता था जो पैसे देने को तैयार होते हों. हाल ही में बाहर निकले कैदियों ने सिर दर्द और पैर दर्द जैसी मामूली बीमारियों की शिकायत की थी. जेल स्टाफ ने बिना किसी जांच के उन्हें SMS अस्पताल रेफर कर दिया. इसके बाद वे कैदी सीधे अपने-अपने होटल चले गए. होटल बेलाकासा में अंकित की गर्लफ्रेंड पहले से मौजूद थी, करण गुप्ता के दोस्त भी वहां मिलने पहुंचे थे. दूसरी ओर, होटल सिद्धार्थ में रफीक की पत्नी और दूसरे रिश्तेदार मौजूद थे. चरस और मोबाइल लेकर आई थी पत्नीअब डीसीपी तेजस्विनी गौतम ने दोनों होटलों पर एक साथ छापा मारा. होटल बेलाकासा में अंकित की गर्लफ्रेंड मौके से फरार हो गई लेकिन अन्य सभी को पकड़ लिया गया. होटल सिद्धार्थ से रफीक की पत्नी और अन्य परिजन गिरफ्तार कर लिए गए. खास बात यह रही कि रफीक की पत्नी 76 ग्राम चरस और एक मोबाइल फोन लेकर आई थी. इसका मकसद जेल में मादक पदार्थ और मोबाइल सप्लाई करना था.पुलिस को मिलती थी मोटी रकमजांच में सामने आया कि चालानी गार्ड्स को इस काम के लिए 1 लाख रुपये तक की रिश्वत दी जाती थी. ये गार्ड कैदियों को अस्पताल तक ले जाने के नाम पर होटल पहुंचा देते थे और खुद भी उनके साथ मौज मस्ती में शरीक होते थे. इस मामले में पुलिस ने 5 पुलिसकर्मियों को गिरफ्तार किया है. पुलिसकर्मी की पहचान सुरेश कुमार मीणा, मनोज कुमार, दिनेश यादव, अमित यादव और विकास हैं. सभी पर आपराधिक षड्यंत्र और सरकारी कार्य में लापरवाही का आरोप है. पुलिस अधिकारियों का कहना है कि यह पूरा नेटवर्क काफी बड़ा है और अभी कई लोग जांच के दायरे में हैं. कुछ और पुलिसकर्मी, जेल कर्मी और होटल स्टाफ की भूमिका की भी जांच की जा रही है. साथ ही, पुलिस यह भी पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इस तरह के मामले पहले भी हुए हैं या नहीं.homecrimeहोटल के कमरे में इंतजार करती थी गर्लफ्रेंड, कैदी पहुंचते थे पुलिस के साथ, फिरऔर पढ़ें