Reported by:Ritesh Kumar PandeyEdited by:Vivek KumarAgency:News18 Uttar PradeshLast Updated:May 31, 2025, 17:38 ISTKushinagar news: कुशीनगर जिले के पडरौना के रहने वाले संजीव आई ए एस अधिकारी बन कर पिता सहित पूरे परिवार का नाम रोशन करेंगे. संजीव ने 2024 में आयोजित हुई यूपीएससी की प्रीलिम्स परीक्षा को पास करने के बाद आयोजित हो...और पढ़ेंइम्पैक्ट शॉर्ट्ससबसे बड़ी खबरों तक पहुंचने का आपका शॉर्टकटXयूपीएससी के दूसरे प्रयास में ही आया 465 रैंककुशीनगर: हर किसी का सपना होता है कि उसका बेटा कलेक्टर बने, लेकिन इस सपने को पाने के लिए संघर्षों की गहरी नदी को पार करना पड़ता है. कुशीनगर जिले के पडरौना के रहने वाले सुभाष गुप्ता ने करीब 25 वर्ष पहले पडरौना में ही संजीव सेटरिंग के नाम से पटरी बल्ली का एक छोटा सा कारोबार शुरू किया था. सुभाष गुप्ता ने उस उक्त यह कल्पना भी नहीं की होगी कि जिस बेटे के नाम से वो कारोबार की शुरुआत कर रहे हैं, वो संजीव आई ए एस अधिकारी बन कर पिता सहित पूरे परिवार का नाम रोशन करेगा.यूपीएससी में 465 वीं रैंक हासिल कीसंजीव ने 2024 में आयोजित हुई यूपीएससी की प्रीलिम्स परीक्षा को पास करने के बाद आयोजित होने वाली मैंस परीक्षा में भी सफलता हासिल की और फिर देश की सबसे कठिन परीक्षा माने जाने वाली यूपीएससी के इंटरव्यू में 198 अंक लाने के बाद 465 वीं रैंक हासिल की.कहां तक की है पढ़ाईसंजीव की शुरुआती पढ़ाई पडरौना के ही संत थ्रेसस इंटर कॉलेज से हुई जिसके बाद दिल्ली यूनिवर्सिटी से संजीव ने बैचलर इन मैनेजमेंट में ग्रेजुएशन की डिग्री पूरी की. संजीव के परिवार की आर्थिक स्थिति बहुत अच्छी न होने के कारण उन्होंने अमेरिका की एक प्राइवेट कंपनी में बतौर प्रबंधक ज्वाइन किया, लेकिन संजीव के मन में हमेशा कुछ बड़ा करने की ललक थी. इसलिए, जॉब के साथ साथ उन्होंने यूपीएससी की तैयारी भी शुरू कर दी.यूपीएससी की तैयारी के लिए छोड़ दी नौकरीयूपीएससी निकालने की ललक इतनी थी कि उन्होंने अपने प्राइवेट नौकरी छोड़ दी और फिर अपने लक्ष्य की तरफ आगे बढ़ने लगे और यूपीएससी की तैयारी में लग गए जिसके परिणाम स्वरूप संजीव ने लगभग 12 लाख बच्चों के इस प्रतिस्पर्धा में देश में 465 रैंक ला कर अपने परिवार के साथ साथ पूरे जिले का नाम देश के पटल पर ला दिया.बेटा ने IAS बनकर परिवार का नाम किया रोशनसंजीव ने बताया कि उनकी प्राथमिकता हेल्थ सेक्टर के साथ साथ लॉ एंड ऑर्डर रहेगी. संजीव के पिता ने बताया कि हमेशा से उनकी प्राथमिकता बच्चों की पढ़ाई रही है. इसके लिए बहुत संघर्ष करना पड़ा, लेकिन आज उसी का परिणाम है कि बेटा IAS बन कर परिवार का नाम रोशन किया.भारत पाकिस्तान की ताज़ा खबरें News18 India पर देखेंhomeuttar-pradesh'संजीव सेटरिंग' वाला संजीव अब कहलाएगा IAS अफसर, UPSC में हासिल की 465वीं रैंकऔर पढ़ें