वैज्ञानिकों ने एक नैनो-वायलिन बनाया जो बाल जितना छोटा है. यह वायलिन 35 माइक्रोन लंबा है. यह नैनोलिथोग्राफी सिस्टम की ताकत दिखाता है. इससे नए कंप्यूटर और ऊर्जा तकनीक बन सकती हैं. यह वायलिन नहीं बजता, लेकिन भविष्य की तकनीक के लिए रास्ता खोलता है.