एफएटीएफ ने कहा कि ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म और ऑनलाइन भुगतान सेवाओं का आतंकवाद के वित्तपोषण के लिए तेजी से दुरुपयोग किया जा रहा है, जिसमें 2019 के पुलवामा आतंकवादी हमले और 2022 के गोरखनाथ मंदिर की घटना इसके उदाहरण हैं।