चीन, पाकिस्तान और बांग्लादेश की करीबियां अब किसी से छिपी नहीं हैं. ये तीनों देश गठजोड़ करके एक नया क्षेत्रीय गुट बनाने की तैयारी में लगे हुए हैं. बांग्लादेश में जब से तख्तापलट हुआ है, तब से मोहम्मद यूनुस वहां के लोगों को भारत के खिलाफ भड़ाकर उनको चीन और पाकिस्तान के करीब लाने की कोशिशों में जुटे हुए हैं. दूसरी तरफ पाकिस्तान है, जो कि चीन के साथ मिलकर भारत के लिए कांटे बोने में कोई कसर नहीं छोड़ रहा है. इसी बीच बीते दिन चीफ डिफएंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान ने तीनों देशों की मिलीभगत को लेकर चिंता जताई है. उनका कहना है कि तीनों देशों के हितों में एकरूपता देखने को मिल रही है, जिसका असर भारत पर पड़ सकता है. चलिए इसी बीच जान लेते हैं कि चीन, पाकिस्तान और बांग्लादेश, भारत पर किस जगह से हमला कर सकते हैं. भारत के लिए क्या हैं चुनौतियांयह बात तो सभी जानते हैं कि चीन और पाकिस्तान के बीच पहले से ही गहरा आर्थिक और सैन्य सहयोग हो रहा है. सीडीएस चौहान की मानें तो पिछले पांच सालों में पाकिस्तान ने अपने हथियार और साजो सामान का करीब 70 से 80 फीसदी चीन से लेता है. इसके अलावा चीन की सैन्य कंपनियों में पाकिस्तान में व्यासायिक दायित्व हैं. चीन भले ही बार-बार इस बात से इनकार करता हो, कि वो पाकिस्तान को सहयोग नहीं करता है, लेकिन यह सही बात नहीं है. इसके अलावा वो यह भी कहता आया है कि पाक के साथ उसके सहयोग किसी तीसरे देश को टारगेट नहीं करते हैं, पर ड्रैगन की यह बात भी सच नहीं है. वहीं जब से बांग्लादेश में शेख हसीना सरकार का पतन हुआ है, तब से बांग्लादेश की सरकार चीन और पाकिस्तान का खूब सहयोग दे रही है. कहां से हमला कर सकते हैं तीनों देशऐसे में देखा जाए तो अगर भविष्य में कोई ऐसी स्थिति उत्पन्न कि अगर बांग्लादेश भी चीन-पाकिस्तान के गुट में शामिल हो जाए तो भारत के लिए ये स्थितियां चुनौतीपूर्णं हो सकती हैं. अगर ये तीनों देश एक साथ मिलकर भारत पर हमला करने के लिए सोचते हैं तो भारत की उत्तरी सीमा से चीन, पश्चिमी सीमा से पाकिस्तान और पूर्वी सीमा से बांग्लादेश हमला कर सकता है. ऐसे में इनसे जुड़े राज्यों में सबसे ज्यादा खतरा हो सकता है. इसके जरिए क्षेत्रीय स्थिरता और भारत की सुरक्षा गतिशीलता पर भी गंभीर असर हो सकता है. भारत की तैयारीऐसी परिस्थितियों में ये तीनों तीन तरफ से हमला कर सकते हैं, तो भारत को तीनों मोर्चों पर लड़ने के लिए पूरी तैयारी रखनी होगी. हालांकि ऐसी परिस्थतियों के लिए भारत लंबे समय से तैयारी कर रहा है. ऑपरेशन सिंदूर के बाद से भारत सैन्य तैयारियों के अलावा कूटनीति और आर्थिक तैयारियां कर रहा है. भारत ने Quad और BRICS जैसे मंचों पर अपनी स्थिति को मजबूत किया है.यह भी पढ़ें: भारत के इस राज्य में सबसे ज्यादा आता है भूकंप, दिनभर में 8-10 बार हिल जाती है धरती